Hindi Essay on “Morning Walk” , ”सुबह की सैर” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
सुबह की सैर
Morning Walk
सुबह की सैर सबसे अच्छी कसरत है। यह हमें शारीरिक रूप से फिट रखती है। यह हमारे मन को तरो-ताजा करती है तथा हमें दिन के कामों के लिए तैयार करती है। इस समय वातावरण बिल्कुल साफ होता है। धल का भी कोई कण नहीं होता। हम ताजी हवा में सांस लत है जिससे हमारे फेफडे शद्ध हो जाते हैं। पंछियों का चहचहाना हमारे कानों को खुशी प्रदान करता है। हमें देखने को मिलता है कि किस प्रकार फूलों की पंखुड़ियां खुलती हैं। वे ताज़ी ठंडी हवा में झूलते हैं।
सुबह के समय प्रकृति अपनी चरम खुबसूरती पर होती है। आस-पास खेत बहुत हरेर लगते हैं। ट्यूबवैल की आवाज़ बहुत अच्छी लगती है। पिछली रात का अन्धेरा हल्का-हल्का खत्म होने को होता है। सारी धरती सुबह की नई रोशनी से नहा रही होती है। सूरज के चड़ने से तारे अपनी चमक खो रहे होते हैं। पंछी अपने घोंसलों में चहचहा रहे होते हैं। वह भोजन एकत्र करने के लिए डारों में उड़ रहे होते हैं।
खेतों में किसान खेतों में काम करने जा रहे होते हैं। दूध वाले अपने साईकिलों पर दूध बेचने जा रहे होते हैं। बड़े लोग झुंड बना कर सैर कर रहे होते हैं। कुछ ने हाथ में छडी पर होती है तो कुछ साथ चलते-चलते घर की बातें करते हैं। गली के कुत्ते उन पर भौंक भी है। कुछ लोगों ने हाथ में तौलिए पकड़े होते हैं। वे घर आने से पहले नदी में नहा कर आते हैं।
सुबह की सैर ऐसी कसरत है जिसका मूल्य नहीं लगता। नंगे पांव हरी ओस से भी घास पर चलना आँखों के लिए बहुत अच्छा होता है। हमारा तन तथा मन ताज़ा महमा करता है। सुबह की सैर हमें चुस्त तथा सतर्क बनाती है। यह हमारे अंदर जल्दी उठने की आदत पैदा करती है। यह हमारे शरीर से गंदगी तथा सुस्ती को दूर करती है। यह हमें शांत बनाती है। यह लम्बी उम्र का राज़ है। इसलिए मुझे सुबह की सैर करने में बहुत आनन्द मिलता है।