Hindi Essay on “Internet ka Badhta Prasar” , ”इन्टरनेट का बढता प्रसार” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
इन्टरनेट का बढता प्रसार
Internet ka Badhta Prasar
प्रस्तावना- भारत मंे इन्टरनेट की स्थापना विदेश संचार निग लि0 के माध्यम 1995 ई0 में की गई। आज भारत में इन्टरनेट की उपयोगिता निरन्तर बढती जा रही है। आज भारत में इन्टरनेट के प्रयोगकर्ताओं की संख्या तकरीबन 38 लाख है।
इन्टरनेट का आविष्कार – इन्टरनेट का आविष्कार 1885 ई0 में अमेरिकी रक्षा विभाग तथा वैल लैब्स ने किया था। यह एक सूचना नेटवर्क है, जिसमें करोडों कम्प्यूटर उपग्रहों फाईबर तन्तु केबलों तथा टेलीफोन लाइनों द्वारा आपस में जुडे रहतें है।
इन्टरनेट का स्वामी- इन्टरनेट का स्वामी तो कोई भी नहीं है, परन्तु इसके कार्य प्रचलन के लिए सर्वप्रथम इन्टरनेट सोसाइटी का गठन किया गया। इसके अलावा इन्टरनेट के तकनीकी पक्षों व प्रबन्धों के लिए कुछ अन्य संस्थाओं का भी निर्माण किया गया।
इन्टरनेट के कार्य- इन्टरनेट के द्वारा सूचनाओं के आदान-प्रदान के अतिरिक्त इलैक्ट्रॅनिक काॅमर्स की तकनीक का इस्तेमाल करके छोटे व बडे उद्यमी काफी मात्रा में धन आर्जित कर सकते है। यूरोप और अमेरिका में तो ई-काॅमर्स अपनी चरम सीमा पर है; परन्तु अभी भारत में ई-काॅमर्स अधिक मात्रा में विकसित नहीं हुए, लेकिन ये दिन-प्रतिदिन बढते जा रहे हैं।
इन्टरनेट के द्वारा बहुत से बेरोजगार व शिक्षित युवकों का रोजगार प्राप्त हुए है। युवक व युवतियां इन्टरनेट से सम्बन्धित ताकनीकें सीखकर अच्छी नौकरियां प्राप्त करते है।
भारत सरकार भी इन्टरनेट के प्रसार व उसके भरतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव में काफी सजग है। इन्टरनेट के भारत में प्रसार के लिए सरकार ने छात्रों, कम्प्यूटर उत्पादकों और निजी क्षेत्र की कम्पनियों को अनेक प्रोत्साहन प्रदान किये है।
आधुनिक युग में इन्टरनेट कम्पनियों ने इन्टरनेट समय की दूरी घटा दी है, जिसकी सहायता से अब हमारे पाठक 500 रूपयों में 100 घंटों तक इन्टरनेट पर सर्फिग कर सकते है।
इन्टरनेट से हानि- आज इन्टरनेट पर अपराधों की संख्या मंे भी तेज से वृद्धि हो रही है। मनचले लोग वेबसाइटों नर वायरस छोड देते हैं या गन्दे विचारों से ओत-प्रोत सन्देश भेज देते है। कुछ लोग तो बैंक खातों के कोड चुराकर बैंकों भी धन भी चुराने का प्रयास करते है। इन्टरनेट पर इस प्रकार का कार्य करना कोई मुश्किल कार्य नहीं है। इनकों रोंकने के लिए सरकार इसके सम्बन्ध में महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। इसके अलावा युवा वर्ग इन्टरनेट पर अश्लील वेबसाइट देखते है जिससे उनका चारित्रिक व मानसिक पतन होता है।
उपसंहार-सक्षेंप में हमें इन्टरनेट का उपयोग शिक्षा रोजगार सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए करना चाहिये।