Hindi Essay on “Garmi ka Ek Garam Din” , ”गर्मी का एक गर्म दिन” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
गर्मी का एक गर्म दिन
Garmi ka Ek Garam Din
भारत में गर्मी की ऋतु बहुत गर्म मानी जाती है। जून वर्ष का सबसे गर्म मास होता है। सरज की गर्मी असहनीय होती है। लोग सर से पाँव तक पसीने से लथपथ हो जाते हैं। ठंडे पेय पदार्थों की भारी मांग रहती है। स्नान करके कुछ आराम मिलता है। केवल इंसान ही नहीं जानवर तथा पक्षी भी थकान महसूस करते हैं।
वह दिन 20 जून का था। सूरज बहुत अधिक गर्म था। मैं पूरी तरह पसीने से भीगा हुआ था। बाहर गर्म हवा चल रही थी। एक पत्ता नहीं हिल रहा था। पक्षी भी चुप-चाप बैठे थे। उनकी चोंचें खुली हुई थीं। कुत्ते गंदे पानी के नालों में बैठे थे। वे अपनी जीभें बाहर निकाल कर बैठे थे। सड़कें मरुस्थल लग रही थीं।
दोपहर का वक्त सबसे गर्म था। कोई भी घर से बाहर नहीं निकल रहा था। दुकानदारों ने भी शटर नीचे किए हुए थे। वे पंखे के नीचे आराम कर रहे थे। कई लड़के छाता लेकर घूम रहे थे। रिक्शा वाले रिक्शा खींचते समय पसीने से लथ-पथ हो रहे थे। माता-पिता स्कूल से बच्चों के आने का इंतज़ार कर रहे थे। मज़दूर भी काम से जा चुके थे। वे छांव वाले स्थान पर बैठे थे।
लोग ईश्वर से वर्षा के लिए प्रार्थना कर रहे थे। ईश्वर ने लोगों की प्रार्थना सुन ली। तभी बादल आकाश में एकत्रित होने शुरू हो गए। ठंडी हवा बहनी शुरू हो गई। जल्दी ही बारिश भी होने लगी। सब तरफ पानी-पानी हो गया। लोग अपने घरों से बाहर आ गए। बच्चे बारिश में खेलने लगे। पक्षी चहचहाने लगे। मौसम सुहावना हो गया। लोगों को चैन की सांस आई। लोगों में खुशी और उल्लास का माहौल था।