Hindi Essay on “Dakshin Sudan ” , ” दक्षिण सूडान : एक नए देश का उदय” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
दक्षिण सूडान : एक नए देश का उदय
दक्षिण सूडान के रूप में दुनिया का 193वां देश असितत्व में आ गया है | इसके लोगो के लिए तो यह अपार ख़ुशी का क्षण है कि वे आजाद हो गए है | नया देश बनने के बाद फिलहाल दक्षिण सुदान दुनिया के सबसे गरीब मुल्को में गिना जाएगा , लेकिन उसके लिए सतोष की बात यह है की सबसे ज्यादा तेल के कुए यही पर है | एक लम्बे खुनी सघर्ष के बाद आख़िरकार दक्षिण सूडान अस्तित्व में आ गया है | आंकड़े बताते है के इस संघर्ष में तकरीबन पद्रह लाख लोग मारे गए | कहा जा सकता है की स्वतंत्र अस्तित्व के लिए दक्षिण सूडान के नागरिको को अपने खून से देश के मानचित्र की इबारत लिखने पडी |
जुबा को दक्षिण सूडान की राजधानी बनाया गया है | जहाँ आजकल जश्न का माहौल है | ९ जुलाई , २०११ को यहाँ स्वतंत्रता समारोह का आयोजन हुआ, जिसमे सूडान के राष्ट्रपति उमर अल बशीर के साथ- साथ संयुक्त राष्ट्र सघ के महासचिव बां की मून ने भी हिस्सा लिया | इस मौके पर दक्षिण सूडान की असेबली के स्पीकर जेम्स बानी इग्गा ने अक ब्यान पढकर दक्षिण सूडान के आजाद होने की घोषणा की | इसके बाद सूडान का राष्ट्रीय ध्वज नीचे कर दक्षिण सूडान का नया झंडा फहराया गया | इस समारोह में शामिल होने वाले प्रमुख अंतराष्ट्रीय अतिथियों में अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री कोलिन पाँवेल, संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की स्थायी प्रतिनिधि सुसैन प्राइस और अफ्रीका में अमेरिकी सैन्य कमांड के प्रमुख जनरल कार्टर हैम थे | लेकिन आम आदमी ने स्वतत्रता का जश्न कुछ अलग ही अंदाज में मनाया | इस अवसर पर उनकी मुल्क ने केन्या के साथ फुटबाल मैच खेला | इस तरह दक्षिण सूडान ने अंतराष्ट्रीय प्रतिस्पध्दाओ में पहला कदम रखा | इस मैच को देखने के लिए लोगो की भीड़ उमड़ पड़ी | जुबा का नवनिर्मित स्टेडियम खचाखच ब्रा हुआ था | लोग अपने खिलाडियों की एक – एक किक पर झूम उठते थे | निश्चय ही यह आजादी की खुली हवा में सांस् लेने का उत्साह था | दक्षिण सूडान को सबसे पहले सूडान ने अपने पड़ोसी देश के रूप में मान्यता दी है | गौरतलब है की 2005 में सूडान और दक्षिण सूडान के बीच शांति समझौता हुआ था | इसके बाद दक्षीण सूडान को एक देश के रूप में मान्यता देने की प्रक्रिया शुरू हुई , जो अब जाकर पूरी हो स्की है | वैसे अक जनवरी 1956 को सूडान और दक्षिण सूडान के बीच सीमारेखा खिची गई थी | दोनों के फिलहाल उसी सिमारेखा को मजूर कर लिया है | इसी दिन ब्रिटेन ने सूडान को आजाद किया था | दोनों पक्षों के बीच हुए समझोते के अनुसार आजादी के मुद्दे पर जनमत सग्रह हुआ था जिसमे 99 प्रतिशत लोगो ने स्वतंत्रता के पक्ष में वोट डाला |
कहा जाता है की दक्षिण सूडान एक ऐसा गरीब देश है, जहाँ सात में से एक बच्चा पांच साल का होने से पहले ही भूख और गरीबी से मर जाता है | संयुक्त राष्ट्र के सात हजार सेनिक अभी भी द्क्षिन सूडान में तैनात रहेगे ताकि वे शांति बहाली में मदद कर सके | भारत भी दक्षिण सूडान को मान्यता देने वाले देशो में शामिल हो गया है | प्रधानमन्त्री डा. अपनी मान्यता दी | भारत जल्दी ही वहा अपना राजदूत नियुक्त करेगा | अभी वहा महावाणिज्य दूतावास है | उम्मीद है की दक्षिण सूडान अब स्वतत्र हो जाने जे बाद तेजी से विकास के पथ पर अग्रसर होगा जिससे वहा के लोगो कइ चिर – प्रतीक्षित आकाक्षाए पूरी हो सके |