Hindi Essay, Moral Story “Thotha Chana, Baje Ghana” “थोथा चना, बाजे घना” Story on Hindi Kahavat for Students of Class 9, 10 and 12.
थोथा चना, बाजे घना
Thotha Chana, Baje Ghana
अकबर बादशाह अधिकतर बीरबल के साथ यमुना नदी के किनारे टहलने जाया करते थे। नदी के किनारे खेतों में किसानों को काम करते देखते रहते थे। एक बार नदी के किनारे टहलते हुए अकबर बादशाह बीरबल से बोले, “बीरबल, सुना है फसल बहुत अच्छी हुई है। चलो आज खेतों में चलते हैं।”
बीरबल बोले, “आपकी जैसी इच्छा।”
चने की फसल पकी हुई खड़ी थी। कटाई भी शुरू हो गई थी। फसल काट-काटकर खलिहानों में रखी जा रही थी।
अकबर और बीरबल, दोनों नदी के किनारे से ही सीधे खेतों की ओर चल दिए। तीन-चार खेत पार करने के बाद चनों के खेत शुरू हो गए थे। दोनों पगडंडी पर चले जा रहे थे। अकबर की इच्छा हुई कि – जरा खेतों में होकर चलते हैं। अकबर एक खेत में उतर गए। बीरबल भी उनके साथ खेत में आ गए। चने के पौधे घुटने तक लंबे थे। चने के पौधे घुटनों और पैरों में टकराते रहे।
दोनों खेत की मेड़ पर निकल आए। कुछ देर बाद फिर एक खेत में उतर गए। खेत में थोड़ी देर चलने के बाद फिर मेड़ की पगडंडी पर आ गए। अकबर ने वीरवल से पूछा, “अभी-अभी हम लोग दो खेतों से निकलकर आए हैं। दोनों में ही चने की फसल खड़ी है। उन खेतों में चलते हुए आपको कुछ अनुभव हुआ?”
बीरबल बोले, “जहांपनाह, मैंने तो कुछ ध्यान नहीं दिया।”
चलते-चलते वे खलिहानों में पहुंचे। दो खलिहान एक ही खेत में पास-पास थे। अकबर ने एक खलिहान से कुछ पौधे लिए और हिलाए। अकबर ने कहा, “बीरबल, तुम भी हिलाकर देखो।” बीरबल ने अकबर के हाथ के पौधे लेकर हिलाए, फिर अकबर ने कहा, “आओ।” और दूसरे खलिहान के पास पहुंच गए। उस खलिहान से भी कुछ पौधे लेकर अकबर ने हिलाए, फिर बीरबल को देते हुए कहा, “इनको भी हिलाओ।” बीरबल ने अकबर के हाथ से चने के पौधे लेकर हिलाए।
अकबर बादशाह बीरबल से बोले, “दोनों जगह के चनों में कुछ फर्क नजर आया।”
बीरबल बोले, “जी हुजूर, बिल्कुल फर्क नजर आया। उस जगह के पौधों में चनों की आवाज नहीं थी। इन पौधों में तेज आवाज हो रही है।”
फिर बादशाह ने कहा, “इसका क्या मतलब हुआ?” बीरबल बोले, “एक में चने कमजोर और कम तथा दूसरे में अधिक और बड़े-बड़े हैं।” अकबर बादशाह बोले, “इतना तो हम भी जानते हैं। किसमें अधिक चना है, यह बताओ।”
एक खलिहान गांव के प्रधान का था। वह और दो किसान बीरबल के पास खड़े थे। बीरबल को चुप देखकर प्रधान बोल पड़ा, ‘थोथा चना, बाजे घना।’
अकबर बोले, “सुना बीरबल, जिसमें मरा हुआ चना होता है, वह छोटा होता है और जोर-जोर से आवाज करता है। जो स्वस्थ चना होता है, वह बड़ा होता है और आवाज नहीं करता।