Hindi Essay, Moral Story “Jiska kaam usi ko sare” “जिसका काम उसी को साजे” Story on Hindi Kahavat for Students of Class 9, 10 and 12.
जिसका काम उसी को साजे
Jiska kaam usi ko sare
एक धोबी था। उसके यहां एक गधा था और एक कुत्ता। धोबी सवेरे कलेवा करता और गधे पर कपड़ों की लादी लादकर चल देता। नदी पर धोबीघाट पर कपड़े धोता-सुखाता और शाम को घर आ जाता। कुत्ता कभी घर पर रहता, कभी घाट पर साथ जाता।
धोबी कुत्ते को बहुत प्यार करता था। कुत्ता पूंछ हिलाकर धोबी का स्वागत करता। कुत्ता कभी शरीर को टेढ़ा-मेढ़ा करता और कभी दो पैर धोबी के ऊपर रख देता। जब कुत्ता अधिक प्यार जताता, तो धोबी के मुंह को चाटने लगता था।
यह सब देखकर गधे को बहुत बुरा लगता था। वह सोचता था कि कुत्ता तो कुछ भी काम नहीं करता है। मैं कपड़ों की लादी लादकर ले जाता हूं, उधर से सूखे कपड़े और धोबी के बच्चे अपनी पीठ पर लादकर लाता हूं। लेकिन धोबी ने मुझे कभी प्यार नहीं किया। धोबी कुत्ते को ही प्यार करता रहता है।
एक दिन गधे ने सोचा कि मैं भी कुत्ते की तरह हरकत करके अपने मालिक को प्रसन्न करता हूं। फिर वह मुझे भी कुत्ते की तरह प्यार करेगा। ऐसा सोचकर वह मौके की तलाश में रहने लगा।
एक दिन गधा बाहर लोट-पोटकर घर आया। धोबी आंगन में बैठा हुआ था। संयोग से कुत्ता भी घर पर नहीं था। गधे को एक अच्छा मौका मिला। गधा अपनी पूंछ टेढ़ी-मेड़ी करते हुए धोबी की तरफ बढ़ा। धोबी सोचने लगा, मेरा गधा अभी तो ठीक था। बाहर से आते ही पगला गया लगता है। फिर गधे ने अपना शरीर कुत्ते की तरह तोड़ा-मरोड़ा। धोबी के पास आकर दो पैरों से खड़ा हो गया। पैरों को धोबी की जांघों पर रखने की कोशिश करने लगा। धोबी उठकर दूर खड़ा हो गया। अब तो धोबी को पूरा विश्वास हो गया कि गधा पागल हो गया है।
धोबी ने डंडा उठाया और गधे को मारना शुरू कर दिया। जब गधा मार खा चुका, तो वह बिना हिले-डुले चुपचाप खूटे के पास जाकर खड़ा हो गया। थोड़ी ही देर में बाहर से कुत्ता आ गया और पूंछ हिलाकर प्यार जताते हुए उसने अपने दोनों पैर धोबी की गोद में रख दिए। गधा बड़े गौर से इस दृश्य को देख रहा था। उसी समय धोबी की नजर गधे पर पड़ी, उसे गधे की हरकत का कारण समझते देर नहीं लगी।
इसी बीच एक पड़ोसी ने आकर धोबी से पूछा, “भाई, क्या बात है? आज तो गधे की अच्छी तरह पिटाई कर दी।” पड़ोसी की बात सुनने के बाद उसने पूरी घटना सुनाई।
तब पड़ोसी बोला, अच्छा, यह बात है। कुत्ते की नकल कर रहा था। इस गधे को क्या मालूम कि-
‘जिसका काम उसी को साजे, और करे तो डंडा बाजे‘।