Circus ki Sair “सर्कस की सैर” Complete Hindi Essay, Nibandh for Class 10, 12 and Graduation and other classes.
सर्कस की सैर
दशहरे की छुट्टियों में एक बहुत बड़ी सर्कस हमारे शहर में आई। इसने अपना बड़ा तम्बू लाल किले मैदान के पास में जमाया। हर रोज़ तीन शो होते थे। हमारे परिवार ने पिछले शुक्रवार को सर्कस जाने का निश्चय किया।
हम सर्कस में शाम को छः बजे पहुँचे। वहाँ बहुत भीड़ थी। हमने अपनी टिकटें खरीदीं और अन्दर जाकर पिछली पंक्ति में अपनी सीटों में बैठ गए। अन्दर रोशनी ही रौशनी थी। ऐसा लग रहा था जैसे दोपहर थी। जल्दी ही सीटें भर गईं और शो शुरू हो गया।
दो मसखरे रंग-बिरंगी पोशाक पहने हुए आए। उनके मुँह पर रंग पुता हुआ था। उनके सिर पर तिरछी टोपीयाँ थीं। उनको देखते ही लोग हंस कर लोट-पोट हो गए। उनके चुटकुले सबको अच्छे लगे। उन्होंने बड़े चालाकी भरे करतब दिखाए। उनके करतबों से सभी मुग्ध हो गए।
कुछ लड़कियाँ छोटी साईकिलों पर आईं और उनके पीछे कुत्ते साईकिलों पर आए। उनके पीछे बन्दर बैठ हुए थे। यह अच्छा दृश्य था।
आगे दो हाथी दो लड़कों के साथ आए। एक हाथी ने बड़ा बल्ला पकड़ा हुआ था। एक लड़के ने एक बड़ी गेंद हाथी की तरफ उछाली उसने गेंद को बड़ी जोर से मारा। दूसरा हाथी उसके पीछे भागा। उसे उठाया, और गेंदबाज को वापिस कर दिया। यह शो पाँच मिनट तक चलता रहा। हाथी के हर बार मारने पर हम तालियाँ बजाते।
तब शेर आए। उन्होंने अपने शिक्षक की बातों का अनुसारण किया। वे दो बड़े स्टूल पर बैठ गए, बच्चों के चेहरे सफेद हो गए। हर किसी ने अपनी सांस थाम ली। एक आदमी छल्ला थामे आगे बड़ा। लोहे के छल्ले पर आग लगी हुई थी। दोनों शेर एक के बाद एक, तीन बार छल्ले में से सही सलामत कूदे। शेरों ने चारों तरफ अपने सिर झुकाये मानो दर्शकों को सलाम कर रहे हों।
वहाँ रस्सी से बनी हुई सीढ़ियाँ थीं। दो लड़कियाँ ऊपर चढ़ गई। एक आदमी भी उनके पीछे गया। वहाँ दो झुले भी थे। पहले वह आदमी एक झूले पर झुलता हुआ दूसरे झूले पर गया। उसने उसे पकड़ा और पहले वाला छोड़ दिया। एक लड़की ने भी ऐसा किया परन्तु उसने आदमी की बाजू पकड़ी, जो कि दूसरे झूले को टांगों से पकड़ कर उलटा झुल रहा था। दूसरी लड़की ने पहला झूला पकड़ा और जैसे ही पहली लड़की के पास पहुँची इसे छोड़ दिया। तब उसने लड़की की टांगे पकड़ लीं। तब वे पहले झूले पर इसी तरह वापिस आ गए। यह बहुत खतरनाक प्रदर्शन था।
सर्कस में बहुत सारे प्रदर्शन किए गए। सबसे अच्छा (प्रदर्शन) आग के छल्लों में से शेरों का कूदना था।
अंत में एक लड़की एक पहिए वाली साईकिल पर आई। उसने दो बड़े डण्डों पर बंधी रस्सी पर साईकिल चलाई। उसका करतब लोगों को बहुत पंसद आया। सर्कस समूचे तौर पर बहुत मनोरंजक था। हमने अपने धन का पूरा आनन्द उठाया। फिर हम घर वापिस आ गए।