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Archive by category "Languages" (Page 163)
समय का सदुपयोग Samay ka Sadupyog जीवन में समय से अधिक मूल्यवान और कुछ नहीं है। उसके एक-एक पल का सदुपयोग करना हमारा कर्तव्य है। कबीरदास ने इसीलिए कहा है- काल करै सौ आज कर, आज करै सो अब्ब। पलं में परलय होयगी, बहुरि करोगे कब्ब ॥ मानव-जीवन अपार इच्छाओं का घर है। जीवन समाप्त हो जाता है, लेकिन इच्छाएं समाप्त नहीं होतीं। इच्छाओं की पूर्ति की कामना में ही हम...
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May 8, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
Information Technology and Internet सूचना प्रौद्योगिकी और इंटरनेट आज के इस वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकीय विकास की दौर में विकसित सूचना प्रौद्योगिकी विकसित राष्ट्रों की पहचान तो है ही, विकासशील देशों के लिए भी अपेक्षित विकास के लिए एक शुभ अवसर लेकर आती है। सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में इंटरनेट सबसे महत्त्वपूर्ण है क्योंकि इंटरनेट दूर-संचार और उपग्रह प्रौद्योगिकी की मदद से लाखों कम्प्यूटरों का एक ऐसा सूचना-तंत्र है, जिसमें पूरा...
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May 8, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
एडुसैट – शैक्षणिक उपग्रह Edusat Educational Satellite एडुसैट भारत का स्वदेश निर्मित शैक्षणिक उपग्रह है। इसका मुख्य उद्देश्य स्कूलों, कॉलेजों तथा शिक्षा के उच्च स्तर के बीच संबंध स्थापित करना है और गैर-परंपरागत शिक्षा, जिसमें विकासात्मक दूर-संचार भी शामिल है, को प्रोत्साहन देना है। विश्व के इस प्रथम शैक्षणिक उपग्रह एडुसैट का निर्माण इसरो के बंगलौर स्थित केंद्र में किया गया है। इसका कार्यकाल 7 वर्ष बताया गया है। इसके कार्यशील...
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May 8, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
वृक्षारोपण Vriksharopan वृक्ष मानव-मित्र हैं। वे मानव को दैहिक, दैविक और भौतिक तीनों तापों से मुक्ति दिलाने में सहायक हैं। हमारे प्राचीन धर्म ग्रंथ और आज का विज्ञान दोनों वृक्षों की महिमा का भरपूर गुणगान करते हैं। हमारे धर्मग्रंथ तो वृक्षों को देवतुल्य समझते हैं। गीता में भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं- “मैं पीपल हूं।” यह भी ज्ञातव्य है कि पीपल वृक्ष के नीचे ही भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था।...
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May 8, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
वन-महोत्सव Van-Mohotsav वनों की बेरहमी से कटाई के परिणामस्वरूप यह धरती भविष्य में जलहीन और छायाहीन मरुभूमि में बदल जाएगा, जिससे मनुष्य के अस्तित्त्व के लिए संकट उत्पन्न हो जाएगा। वस्तुतः वनों की कटाई आत्महत्या के समान है। वर्तमान समय में वन-महोत्सव द्वारा वन-संरक्षण की योजना इसी कठिन सत्य की अनुभूति का परिणाम है। मरुभूमि के प्रसार का प्रतिरोध अरण्य-सृजन द्वारा ही हो सकता है। राजस्थान के रेगिस्तान का विस्तार अवरोध...
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May 8, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
भारतीय समाज में नारी का स्थान Bharatiya Samaj mein Nari ka Sthan भारतीय संस्कृति का इतिहास साक्षी है कि भारतीयों ने नारी जाति को हमेशा सामाजिक प्रतिष्ठान एवं सर्वोच्च स्थान प्रदान किए हैं। वैदिक युग में नारी सामाजिक अhथना की पात्रा थी। प्रकृति स्वरूपा नारी को परमेश्वर की शक्ति के रूप में स्थान दिया गया है। विद्या, विभूति एवं व्यक्ति को क्रमशः सरस्वती, लक्ष्मी एवं दुर्गा के रूप में उपास्थ माना...
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May 8, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
रोबोट के लाभ Robot ke Labh ‘रोबोट’ को मनुष्य ने अपना ही विकल्प तैयार किया है। रोबोट यंत्र मानव है, जो मानव की भांति ही कार्य करता है। यह मानव का सबसे बड़ा आज्ञाकारी है। इसी आश्चर्यजनक यंत्र मानव का नाम ‘रोबोट’ है। ‘रोबोट’ शब्द चेक शब्द रोबट से व्युत्पन्न हुआ है। सर्वप्रथम दास की ‘क्रीतदास’ अर्थ में इसका प्रयोग हुआ है। चेक नाट्यकार काटल कायेक ने इस शब्द का इस्तेमाल...
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May 8, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
कुटीर उद्योग का महत्त्व Kutir Udyog ka Mahatva वैसे छोटे-बड़े उद्योग-धंधे, जिनमें मशीन और पूंजी की प्रधानता न होकर नाम की प्रधानता होती है-कुटीर उद्योग कहलाता है। इसके लिए बड़ी पूंजी बड़े भूखंड एवं बड़े बाजार की आवश्यकता नहीं होती है, एक परिवार या पास-पड़ोस के लोग भी मिलकर इसे घर में ही चला सकते हैं। किसी देश की आर्थिक संपन्नता और खुशहाली में कुटीर उद्योगों का विशेष योगदान रहता है।...
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May 8, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment