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Archive by category "Hindi (Sr. Secondary)" (Page 47)
भारत के राष्ट्रीय पर्व Bharat ke Rashtriya Parv पर्व और उनके प्रारूप राष्ट्रीय पर्व मनाने का ढंग संदेश पर्व किसी खास उद्देश्य को लेकर मनाए जाते हैं। भारत पर्वो का देश है क्योंकि यहाँ अनेक धर्म प्रचलित हैं। धार्मिक व सामाजिक पर्वो का संबंध एक सीमित समुदाय या क्षेत्र से होता है। राष्ट्रीय पर्व राष्ट्र की सीमा में रहने वाले हर व्यक्ति, जाति, धर्म से संबंधित होते हैं। इन्हें मनाने में...
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November 26, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
कारगिल विजय दिवस 26 जुलाई Kargil Vijay Diwas – 26 July कारगिल का भौगोलिक परिचय पाकिस्तानियों का कारगिल पर आक्रमण भारत की विजय और पाकिस्तान की पराजय। कारगिल कश्मीर का एक अत्यंत संवेदनशील एवं महत्त्वपूर्ण क्षेत्र है। इस क्षेत्र में बर्फ की पहाड़ियाँ हैं। यह क्षेत्र पाकिस्तान की सीमा रेखा को स्पर्श करता है। अत: सामरिक दृष्टि से यह अत्यंत महत्त्व रखता है। पिछले कुछ वर्षों में पाकिस्तान की सेना इस...
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November 26, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
छात्रावास के लाभ और हानियाँ Chatravas ke Labh aur Haniya प्रचीनयुग में छात्रावासों का रूप वर्तमान युग में छात्रावास के लाभ छात्रावास हानि भारतवर्ष में प्राचीन काल में गुरुकुल और ऋषिकुल हुआ करते थे। जिनमें पाँच या छह वर्ष की आयु का बालक प्रवेश ले सकता था और वह बालक लगभग पचीस वर्ष तक गुरुकुल या ऋषिकुल में ही रहता था। हर समय गुरु के पास रहने से गुरु का प्रभाव...
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November 21, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
स्वाध्याय के लाभ मस्तिष्क के लिए स्वाध्याय की उतनी ही आवश्यकता है जितनी शरीर के लिए व्यायाम की। साथ इस लोक की चिंता-मणि हैं। उनके अध्ययन से सब कुचिताएँ मिट जाती हैं। संशय-पिशाच भाग जाते हैं और मन में सद्भाव जागृत होकर परम शांति प्राप्त होती है। स्वाध्याय से समय का सदुपयोग होता है, ज्ञानवर्धन की सामग्री उपलब्ध होती है तथा मनोरंजन प्राप्त होता है। प्रकृति की अपेक्षा स्वाध्याय के कारण...
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November 17, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
सबै दिन जात न एक समान परिवर्तन सृष्टि का नियम है। जीवन में आज दुख है तो कल सुख अवश्य मिलेगा। धूप के साथ छाया अवश्य होगी। ओस से भीगे पत्ते कुम्हला जाते हैं, कलियाँ फूल बनती हैं और फूल मुरझाकर झड़ जाते हैं। पतझड़ और वसंत एक साथ नहीं आते। जो बालक है कल जवान होगा और फिर बूढ़ा होकर मृत्यु को प्राप्त करेगा। जीवन में सुख-दुख, उतार-चढ़ाव, आना-जाना लगा...
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November 17, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
साधना के बिना सिद्धि कहाँ जीवन के किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए साधना बहुत आवश्यक है। परिश्रम करने से ही कार्य सिद्ध होते हैं, इच्छा मात्र से नहीं। पशु सोते हुए सिंह के मुँह में प्रवेश नहीं करते। यदि कोई व्यक्ति संगीत के क्षेत्र में सफलता प्राप्त करना चाहता है तो उसे निरंतर स्वर-साधना करनी पडेगी, कोई व्यक्ति विद्वान बनने का इच्छुक है। तो उसे स्वाध्याय तथा...
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November 17, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
अपनी करनी पार उतरनी Apni Karni Paar Utarni मनुष्य-जीवन में उसके कर्मों का बड़ा महत्त्व है। मनुष्य की गति उसके कर्मों के अनुसार होती है। जो जैसा बोता है, वैसा ही काटता है। गीता के अनुसार जो मनुष्य जैसे कर्म करता है, उसका उसे वैसा ही फल भोगना पड़ता है। बबूल का वृक्ष बो कर यदि कोई व्यक्ति इस बात की प्रतीक्षा करे कि उस पर आम के फल लगेंगे तो...
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November 17, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
जैसी संगत, वैसी रंगत Jaisi sangat waisi rangat संगति का जीवन में बड़ा महत्त्व है। मनुष्य जैसी संगति करता है-उससे वह अवश्य प्रभावित होता है। स्वाति की एक बूंद भिन्न-भिन्न संगति पाकर उसके अनुरूप परिवर्तित हो जाती है। केले का संपर्क प्राप्त कर वह कपूर, सीपी की संगति प्राप्त कर वह मोती तथा साँप के मुँह में पड़कर वह विष बन जाती है। बुद्धिमानों की संगति करने पर मनुष्य बुद्धिमान हो...
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