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Archive by category "Hindi (Sr. Secondary)" (Page 302)
सहशिक्षा सहशिक्षा से अभिप्राय शिक्षा की उस व्यवस्था से है जिसमे लडके तथा लडकियाँ एक साथ शिक्षा ग्रहण करते हो | इस विषय पर कि इस प्रकार की शिक्षा की व्यवस्था होनी चाहिए कि नही काफी समय से चर्चा होती रही है | कुछ लोग इस व्यवस्था के पक्ष में है तथा कुछ इसके पक्ष में नही है | इस प्रकार की चर्चा होते हुए भी , आजकल हमारे देश भारत...
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February 17, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
स्वदेश प्रेम Swadesh Prem Best 4 Essay on ” Swadesh Prem” निबंध नंबर : 01 स्वदेश का अर्थ है अपना देश अर्थात अपनी मातृभूमि | यह वह स्थान होता है जहाँ हम पैदा होते है, पलते है और बड़े होते है | जननी तथा जन्मभूमि की महिमा का स्वर्ग से बढकर बताया गया है | जिस देश में हम जन्म लेते है तथा वहाँ का अन्न, जल, फल, फूल आदि खाकर...
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February 17, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages31 Comments
सदाचार – सच्चरित्रता Sadachar – Sacharitrata निबंध नंबर : 01 सच्चरित्रता व्यक्ति का वह व्यवहार होता है जो किसी को हानि नही पहुँचाता, बल्कि जो सभी का हर प्रकार से शुभ एव हितकारी होता है तथा जिसके लिए कुछ भी छिपाने व मिथ्या भाषण की आवश्यकता नही पडती | सच्चरित्र वाला व्यक्ति अपने अच्छे व्यवहार से जीवन तथा समाज में सभी को शीघ्र एव सहज ही प्रभावित कर लिया करता है...
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February 17, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
आत्मनिर्भरता Atamnirbharta Best 4 Hindi Essay on ” Atmanirbharta” निबंध नंबर :01 स्वावलम्बन अथवा आत्मनिर्भरता दोनों का वास्तविक अर्थ एक ही है – अपने सहारे रहना अर्थात अपने आप पर निर्भर रहना | ये दोनों शब्द स्वय परिश्रम करके, सब प्रकार के दुःख –कष्ट श कर भी अपने पैरो पर खड़े रहने की शिक्षा और प्रेरणा देने वाले शब्द है | यह हमारी विजय का प्रथम सोपान है | इस पर...
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February 8, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
जीवन में खेलो का महत्त्व किसी ने सत्य ही कहा है – “Health is Wealth” अर्थात अच्छा स्वास्थ्य ही सच्ची सम्पत्ति है | जीवन में अच्छे स्वास्थ्य का विशेष महत्त्व है | स्वस्थ व्यक्ति ही भूमण्डल पर सभी प्रकार के सुख भोग सकता है | बिना अच्छे स्वास्थ्य के जीवन नरक के सदृश्य है | स्वस्थ व्यक्ति में स्वय ही अदम्य साहस और धैर्य आ जाता है | शरीर को स्वस्थ...
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February 8, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
परोपकार परोपकार शब्द का अर्थ है दुसरो का भला करना | अपनी चिन्ता किए बिना, शेष सभी (सामान्य-विशेष) के भले की बात सोचना, आवश्यकतानुसार तथा यथाशक्ति उनकी भलाई के उप्पे करना ही परोपकार कहलाता है | परोपकार के लिए मनुष्य को कुछ-न-कुछ त्याग करना पड़ता है | परोपकार की यह शिक्षा हमे प्रकृति से मिली है | प्रकृति के प्रत्येक कार्य में हमे सदैव परोपकार की भावना निहित दिखाई पडती है...
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February 8, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
एकता में शक्ति संगठन में शक्ति मिलजुल कर कार्य करने की शक्ति को ही संगठन या एकता कहते है | संगठन सब प्रकार की शक्तियों का मूल है | कोई भी व्यक्ति चाहे वह कितना भी समृद्ध हो , शक्तिशाली हो अथवा बुद्धिमान हो , अकेले अपनी आवश्यकताओ की पूर्ति नही कर सकता है | वह केवल दुसरो के सहयोग से ही अपनी आवश्यकताओ को पूरा कर सकता है | कोई भी...
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February 8, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages9 Comments
ब्रह्मचर्य ब्रह्मचर्य, एक विशेष प्रकार के रहन-सहन, संयम-अनुशासनपूर्ण जीवन जीने की एक प्रकिया का नाम है | इस दृष्टि से तो कोई भी व्यक्ति आजीवन ब्रह्मचर्य –व्रत का पालन करते हुए, ब्रह्मचारी बन कर रह सकता है | पहले के समय में तो लोग प्राय ; ऐसा जीवन बिताया करते थे | आज भी साधु-महात्माओं के रूप में अनेक लोग ऐसा ब्रह्मचर्य जीवन जीने वाले है | भारतीय परम्परा में मनुष्य...
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February 8, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment