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Archive by category "Hindi (Sr. Secondary)" (Page 279)
निरस्त्रीकरण Nirastrikaran शस्त्रास्त्रों की दौड़ और उसके फलस्वरूप होने वाले युद्धों से मुक्त समाज का निर्माण ही निरस्त्रीकरण का मूल लक्ष्य है। निरस्त्रीकरण का सामान्य और व्यावहारिक अर्थ है, आज जो भयानकटतम मारक शस्त्रास्त्र बन रहे हैं, उनका निर्माण रोकना और विनाशक युद्धों का भय टालना। इसके सथ यह बात भी जुड़ी हुई है कि आज तक जिते भी आणविक शस्त्रास्त्र बन चुके हैं, सभी निर्माता राष्ट्र एक साथ मिलकर उन्हें...
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July 17, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
युद्ध के लाभ और हानियां Yudh ke Labh aur Haniya युद्ध और लाभ! नहीं, युद्ध का तो नाम सुनते ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं। युद्ध मूल रूप से कोई अच्दी बात नहीं है। यों स्वभाव से भी मनुष्य शांतिप्रिय प्राणी है और युद्धों से बचा ही रहना चाहता है, फिर भी कई बार उसे युद्ध करने की विवशता ढोनी ही पड़ती है। हानि उठाकर भी तब उसका प्रयोजन राष्ट्रीय...
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July 17, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
विज्ञान और युद्ध Vigyan Aur Yudh विज्ञान और युद्ध यानी दो विपरीत धु्रव, फिर भी आज एक-दूसरे का पर्याय बनते जा रहे हैं। युद्ध! अपने-आप में ही एक बहुत बड़ी विभीषिका, मृत्यु एंव सर्वनाश को दिया जाने वाला निमंत्रण हुआ करता है यह युद्ध। फिर भी सदियों से, शायद उसी दिन से कि जब तनधारी जीवों ने धरती पर पदार्पण किया होगा, ये युद्ध लड़े जा रहे हैं। युद्ध लड़े...
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July 17, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
भारत की वैज्ञानिक प्रगति Bharat Ki Vegyanik Pragati ज्ञान-विज्ञान की अनवरत प्रगतियों वाले आज के विश्व में किसी भी देश की प्रगति का मानदंड उन्नत वैज्ञानिक संसाधन ही माने जाते हैं। 15 अगस्त 1947 में जब भारत विभाजन होकर स्वतंत्र हुआ था, तब देश की आवश्यकतांए पूर्ण करने के लिए सामान्य सुई औश्र ऑलपिन तक का आयोजन किया जाता था। इसके विपरीत आज भारत प्राय: उस सब-कुछ का निर्यात करने लगा...
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July 17, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages1 Comment
विज्ञान और मानवता का भविष्य Vigyan aur Manavta ka Bhavishya संसार में कोई वस्तु नई हो या पुरानी, हर प्रकार से मानव-सापेक्ष हुआ करती है। विज्ञान भी इसका अपवाद नहीं कहा जा सकता। किसी पुस्तक में पढ़ा था, गाय के स्तनों पर यदि जोंग को चिपका दिया जाए, तो दूध पीने के स्थान पर वह उसका खून चूसने लगेगी। जल्द ही वह गाय निचुडक़र समाप्त हो जाएगी। ठीक वही स्थिति...
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July 17, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
विज्ञान और शिक्षा Vigyan Aur Shiksha निबंध नंबर:- 01 आज जिस युग में हम मानव कहे जाने वाले प्राणी सांस ले रहे हैं, उसे मुख्य रूप से विज्ञान का युग कहा जाता है। शिक्षा मात्र आज का विषय न होकर मानव-जाति के साथ आरंभ से ही जुड़ा आ रहा विषय है और तब तक जुड़ा रहेगा, जब तक मानवता का अस्तित्व समाप्त नहीं हो जाता। आज के संदर्भों में कहा जा...
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July 13, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
विज्ञान और धर्म Vigyan Aur Dharam 5 Best essays on “Dharm aur Vigyan” निबंध नंबर :-01 विज्ञान और धर्म, समान्यताया बल्कि संपूर्णतया दोनों के क्षेत्र अलग-अलग हैं। ‘धरायते इति धर्म:’ इस उक्ति के अनुसार धर्म वह है, जिसमें समस्त उदात्त, उदार और महान मानवीय वृत्तियों, सदगुणों को धारण करने की अदभुत क्षमता विद्यमान रहती है। इस दृष्टि से धर्म का कोई स्थल एंव निर्धारित स्वरूप नहीं होता। अपने-आपमें वह मात्र एक...
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July 13, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम Bharat ka Antariksh Karyakaram या अंतरिक्ष में भारत Antariksh me Bharat आज का वैज्ञानिक मानव धरती के सारे रहस्य पा लेने के बाद, उसकी सीमा से ऊब अब अंतरिक्ष में विचरण करने लगा है। हमारा देश भी इस दिशा में पीछे नहीं। विकासशील देश होते हुए भी अंतरिक्ष-विज्ञान के क्षेत्र में कुछ अदभुत करिश्में दिखाकर भारत ने विश्व के समुन्नत देशों को भी कई बार चकित-विस्मित कर...
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July 13, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages1 Comment