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Archive by category "Hindi (Sr. Secondary)" (Page 277)
सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ Suryakant Tripathi ‘Nirala’ शताब्दियों बाद ऐसी प्रतिभांए जन्म लिया करती हैं कि जिनकी गुणवत्ता जन-जीवन में एक कहानी बन जाए। सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ ऐसे ही व्यक्ति थे। अपने स्वभाव के निराले महाप्राणत्व से हिंदी-कविता के एक युग पर छाए रहने वाले महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ अपने उपनाम के अनुरूप ही वास्तव में नए-निराले थे। इनका जन्म बंगाल प्रांत के महिषादल राज्य के जिला मेदिनीपुर में सन 1889 में...
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July 21, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages3 Comments
सुमित्रानंदन पंत Sumitranandan Pant प्रकृति और शरीर-स्वभाग से सुकुमार, कोमल-कान्त व्यक्तित्व के महाकवि-पंत। छायावादी काव्यधारा के प्रमुख और प्रतिनिधि कवि सुमित्रानंदन पंत का जन्म उत्तर प्रदेश (वर्तमान उत्तराखंड) के अल्मोड़ा जिले में बसे कॉलोनी नामक ग्राम में, सन 1900 में हुआ था। वह स्थान प्रकृति की गोद में बसा हुआ है। प्रकृति ने ही पंत जी को पाल-पोसकर बड़ा किया था। अभी अबोधा शिशु में ही इनकी माता का स्वर्गवास हो...
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July 21, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
जयशंकर प्रसाद Jaishankar Prasad निबंध नंबर :- 01 महाकवि और नाटककार ‘प्रसाद’ वस्तुत: मां सरस्वती के अमर प्रसाद ही थे। हिंदी काव्य के क्षेत्र में गोस्वामी तुलसीदास के बाद सशक्त एंव महान गंभीर प्रतिभा वाले किसी व्यक्ति का अगर नाम लिया जा सकता है, तो वह नाम है महाकवि जयशंकर प्रसाद। इनका जन्म सन 1889 में काशी के प्रसिद्ध ‘सुंथनी साहू’ परिवार में हुआ था। पिता श्री देवीप्रसाद सुंगधित तंबाकू के...
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July 21, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त Maithili Sharan Gupt निबंध नंबर :- 01 राष्ट्रीय सभ्यता-संस्कृति के सभी रूपों का गायक ही राष्ट्रकवि होने का गौरव प्राप्त किया करता है। अपनी कविता के माध्यम से भारतीय सभ्यता और संस्कृति के नवीन-प्राचीन विभिन्न रूपों और अंगों का गायन कर जनता और सरकार, दोनों से सहज ही राष्ट्रकवि होने का गौरव पाने वाले कविवर गुप्त जी का जन्म चिरगांव, झांसी में सन 1886 में हुआ था। उनके...
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July 21, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
मीराबाई Mirabai भारतीय इतिहास के मध्यकाल (भक्तिकाल) मं भक्ति और काव्य को प्रेम की अनन्य पीर एंव विरह की अनन्य वेदना से सजाने वाली विशिष्ट प्रतिभा का नाम है-मीराबाई। इन तत्वों की इस अमर गायिका का श्रीकृष्ण के भक्त कवियों में अपना अन्यतम और महत्वपूर्ण स्थान माना गया है। इनका जन्म-स्थान राजस्थान का मेड़ता नामक स्थान माना जाता है। वहां के राव दूदाजी के चौथे बेटे राव रत्नसिंह के यहां कुडक़ी...
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July 21, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
गोस्वामी तुलसीदास Goswami Tulsidas मध्यकालीन (संवत 1375-1700 तक) सगुणवादी भक्ति-आंदोलन के साधक कवियों में अपनी चहुंमुखी काव्य प्रतिभा के बल पर ‘लोक नायक’ जैसा महत्वपूर्ण पद प्राप्त करने वाले गास्वामी तुलसीदास का जन्म बांदा जिले के राजापुर नामक गांव में संवत 1589 में हुआ माना जाता है। पिता का नाम पं. आत्माराम दूबे और माता का नाम हुजसी था। कहा जाता है कि अभुक्त मूल नामक कुनक्षत्र में जन्म लेने के...
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July 21, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
सूरदास Surdas निबंध नंबर :- 01 सूरदास का संबंध मध्यकाल (भक्ति काल) के सगुणवादी भक्ति आंदोलन से है। जीवन और काव्यू को मधुर-कोमल भावों से सजाने-संवारने वाले महाकवियों में भक्तप्रवर सूरदास की गणना प्रमुख रूप से होती है। मध्य काल में गोस्वामी बल्लभाचार्य ने जिस कृष्णभक्ति शाखा की प्रतिष्ठा और प्रचार किया था, सूरदास उसके प्रमुख कवि और गायक माने जाते हैं। परंतु खेद के साथ कहना पड़ता है कि इनका...
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July 21, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
पंडित जवाहरलाल नेहरू Pandit Jawaharlal Nehru निबंध नंबर : 01 आधुनिक स्वतंत्र भारत के निर्माताओं में गांधी जी के बाद पं. जवाहरलाल नेहरू का नाम ही सर्वाधिक आदर के साथ लिया जाता है। इस कारण और युद्ध जैसे विषयों के विरुद्ध अपनी आवाज उठा शांति-क्षेत्रों को बढ़ावा एंव विस्तार देने के कारण पं. नेहरू का नाम सारे विश्व में आदर के साथ लिया जाता है, और लिया जाता रहेगा। उन्हें शांति-दूत...
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July 21, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment