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Archive by category "Hindi (Sr. Secondary)" (Page 234)
वनों का महत्व Vano Ka Mahatva भारत की शस्य-श्यामला छवि ने भला किसको आकर्षित नहीं किया। यह देश सदैव अपनी प्राकृतिक शोभा, रमणीयता और सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध रहा है। मात्र भारतीय ही क्यों विदेशी भी भले ही वह भारत दर्शन के लिए आया हो, भारत की अध्यात्म-विद्या से प्रभावित शांति की खोज में आया हो या भारत को ‘सोने की चिड़िया’ देश उसे लूटने की दृष्टि से आया हो,...
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June 15, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
एक अकेली बुढ़िया Ek Akeli Budhiya मेरे पड़ोस में एक बुढ़िया रहती है। वह अकेली है। उसका बूढ़ा पति हरिद्वार में रहता है। बुढ़िया को अपना अकेलापन काटना बहुत दूभर प्रतीत होता है। पर उसने इसका उपाय सोच लिया है। वह गली-मोहल्ले में होने वाले उत्सव-समारोह में बिना बुलाए ही जा पहुँचती है और खूब काम करती है। वह अपना अनुभव भी उन्हें बताती है। इससे कई बार अपमानजनक स्थिति...
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June 15, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
समाज की समस्याएँ Samaj ki Samasyaye आज का समाज दो वर्गाें में बँटकर रह गया है- शोषक और शोषित वर्ग। शोषक पूँजीपति वर्ग से संबंधित है। इसे केवल अपने स्वार्थ के सिद्ध होने से मतलब है। यह अपने श्रमिकों का भरपूर शोषण करता है। किसान-मजदूर शोषित वर्ग के अंतर्गत आते हैं। इस शोषित समाज की अनेक समस्याएँ हैं। शोषित समाज को जीवन की मूलभूत सुविधाएँ तक उपलब्ध नहीं हंै।...
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June 15, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
बाढ़ और उसके प्रभाव Badh aur uske Prabhav अगस्त का महीना था। आकाश में बादल छाए हुए थे। राजधानी में तेज वर्षा और कई दिनों की झड़ी के कारण सड़कें पानी में डूब गई थीं और यातायात ठप्प हो गया था। दिल्ली के गाँवों में इससे भी भंयकर वर्षा हुई जिसके कारण नजफगढ़ जाना चढ़ आया और निकटवर्ती गाँवों में पानी का खतरा बढ़ गया। कुछ अदूरदर्शी किसानों ने जब...
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June 15, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना Majhab nahi Sikhata aapas me ber Rakhna निबंध नंबर:- 01 उपर्युक्त सूक्ति प्रसिद्ध शायर इकबाल की है। उन्होंने उपनी एक देश प्रेम की कविता में लिखा है- ‘‘मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना, हिंदी हैं हम , वतन है हिन्दोस्तां हमारा।’’ इन शब्दों में ऐसा जादू था कि प्रत्येक मजहब के लोग स्वयं को भातरीय मानते हुए भारत को स्वतंत्र कराने के...
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June 15, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages3 Comments
देश-भक्ति Desh Bhakti अथवा स्वदेश प्रेम Swadesh Prem ‘‘वह हृदय नहीं है पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं’’ ‘‘देशप्रेम वह पुण्य क्षेत्र है, अमल असीम त्याग से विलसित। जिसकी दिव्य रश्मियाँ पाकर, मनुष्यता होती हैं विकसित।।’’ देश-भक्ति पवित्रसलिला भागीरथी के समान है जिसमें स्नान करने से शरीर ही नहीं अपतिु मनुष्य का मन और अन्तरात्मा भी पवित्र हो जाती हैं स्वदेश की रक्षा और उसकी उन्नति के लिये...
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June 15, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
बेरोजगारी की समस्या Berojgari ki Samasya आधुनिक युग में विज्ञान की प्रगति ने मानव-जीवन को प्रत्येक क्षेत्र में सुखद, समृद्ध तथा समुन्नत बनाया है। नित नयी वैज्ञानिक खोजों तथा आविष्कारों ने महान उपलब्धियाँ अर्जित की हैं। परन्तु उस विज्ञान ने कुछ ऐसी समस्याएँ भी उत्पन्न कर दी हैं जो समस्त विश्व के सामने सुरसा के मुँह की भाँति बढ़ती जा रही है। इन समस्याओं में प्रमुख हैं- महँगाई, बढ़ती जनसंख्या...
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June 15, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
छात्र असंतोष- कारण और समाधान Chatra Asantosh-Karan aur Samadhan शिक्षा प्राप्ति के उद्देयस से विद्यालय, महाविद्यालय और विश्वविद्यालय में प्रवेश लेने वालों को छात्र या छात्रा की संज्ञा दी जाती है। ये शिक्षालयों में विद्यार्जन के साथ-साथ जीविकोपार्जन में सहायक ज्ञान भी प्राप्त करना चाहते हैं। विद्या और जीविका को पाने के उद्देश्य से उत्साहपूर्वक आने वाले इन छात्रों को गम्भीर होकर पढ़ाई-लिखाई में लग जाना चाहिए किंतु बहुत बार...
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June 15, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment