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Archive by category "Hindi (Sr. Secondary)" (Page 230)
मेरा प्रिय टाइम पास Mera Priya Time Pass प्रत्येक व्यक्ति अपना फालतू टाइम किसी न किसी ढंग से बिताता है। इससे उसका समय बीतता है, वहीं उसे आनंद की अनुभूति भी होती है। कई लोग ताश खेलकर तो कई टी.वी. देखकर अपना टाइम पास करते हैं, पर मैं तो मनोरंजक एवं ज्ञानवर्धक पुस्तक पढ़कर टाइम पास करता हूँ। ये पुस्तकें ही मेरा टाइम पास हैे। यद्यपि मैं अपने काम...
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June 26, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
एक कामकाजी औरत Ek Kamkaji Aurat आज की औरत का कामकाजी होना जहाँ उसकी विवशता बनता जा रहा है, वहीं यह उसकी आर्थिक स्वतंत्रता के लिए आवश्यक भी है। कामकाजी औरत की दिनचर्या काफी व्यस्त रहती है। वह प्रातःकाल से लेकर रात्रि तक किसी-न-किसी काम में लगी रहती है। प्रातःकाल तो दफ्तर जाने की तैयारी में बीत जाता है और सारा दिन दफ्तर के काम के बोझ तले निकल जाता...
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June 26, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages3 Comments
बरसात की एक भयानक रात Barsat ki Ek Bhayanak Raat सावन-भादो बरसात के होते हैं। भादो मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या थी। इस दिन सारे दिन घनघोर बरसात होती रही। खूब बादल कड़क रहे थे और बिजली भी चमक रही थी। संध्या हुई और धीरे-धीरे रात घिर आई। चारों ओर घनघोर अँधेरा छाया हुआ था। चारांे ओर रात्रि की कालिमा पसरी हुई थी। हाथ को हाथ सूझ रहा था।...
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June 26, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
त्योहारों का महत्व Tyoharo ka Mahatva हमारे जीवन में पर्वों का विशेष महत्त्व है। ये पर्व हमारी संस्कृति की पहचान हैं। भारत भूमि महान है। यहाँ हर तिथि को कोई न कोई पर्व पड़ता रहता है। इन पर्वों के साथ एक विशेष बात जुड़ी है और वह है- लोककथाएँ और मनोरंजन। पर्वों पर तरह-तरह की कलाओं का प्रदर्शन होता है। इन कलाओं में हमारी संस्कृति की झलक मिलती है। ये...
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June 21, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages1 Comment
व्यायाम के लाभ Vyayam ke Labh ‘‘धर्मार्थकाममोक्षणाम् आरोग्यं मूलमुत्तमम्’’ महर्षि चरक ने लिखा है कि धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष इन चारों का मूल आधार स्वास्थ्य ही है। यह बात अपने में नितांत सत्य है। मानव जीवन की सफलता धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष प्राप्त करने में ही निहित है, परंतु सबकी आधारशिला मनुष्य का स्वास्थ्य है, उसका निरोग जीवन है। रूग्ण और अस्वस्थ मनुष्य न धर्मचिन्तन कर सकता है,...
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June 21, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
विद्यार्थी और अनुशासन Vidyarthi Aur Anishashan प्रासाद की चिरस्थिरता और उसकी दृढ़ता जिस प्रकार आधारशिला की मजबूती पर आधारित है, लघु पादपों का विशाल वृक्षत्व जिस प्रकार बाल्यावस्था के सिंचन और संरक्षण पर आश्रित होता है, उसी प्रकार युवक की सुख-शांति में समृद्धिशालिता का संसार छात्रावस्था पर आधारित होता है। यह अवस्था नवीन वृक्ष की मृदु और कोमल शाखा है, जिसे अपनी मनचाही अवस्था में सरलता से मोड़ा जा सकता...
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June 21, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
विज्ञापन: लाभ या हानियाँ Vigyapan Labh Ya Haniya ‘विज्ञापन’ का उद्देश्य है कि किसी वस्तु या वस्तुओं को व्यावसायिक, राष्ट्रीय, सामाजिक, सांस्कृतिक, कलात्मक, मांगलिक, साहत्यिक तथा ऐतिहासिक दृष्टि से लोकप्रिय बनाने की प्रक्रिया को त्वरित गति प्रदान की जाये अर्थात् इन सबसे संबद्ध वस्तुओं को जनमानस में एक विशिष्ट छवि के रूप में अंकित किया जाये। विज्ञापन यह ज्ञापित करता है कि अमुक वस्तु क्यों ग्रहणीय है और ऐसा कर...
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June 21, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
देशाटन Deshatan देशाटन और पर्यटन- जैसा कि स्पष्ट है दोनों ही शब्द भ्रमण से संबंध रखते हैं। विभिन्न देशों और देश के विभिन्न स्थानों का भ्रमण देशाटन और पर्यटन कहलाता है। मानव की जिज्ञासा, महत्त्वाकांक्षा, सौंदर्यप्रियता और ज्ञान की प्रवृत्तियाँ उसमें देशाटन और पर्यटन की रूचि जागृत करती हैं। अपने आसपास के भौगोलिक सौंदर्य और पर्यावरण को नित्य प्रति देखते और परखते हुए उसमें नए-नए स्थानांे के प्रति उत्सुकता स्वाभाविक...
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June 21, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment