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Archive by category "Hindi (Sr. Secondary)" (Page 218)
प्यूरा योजना Puara Yajana Providing Urban Amenities to Rural Areas – अरबन एमिनिटीज इन रूरल एरिया का संक्षिप्त रूप है-प्यूरा। इसे हिन्दी में कहा जा सकता है। -’गा्रमीण क्षेत्रों में शहरी सुविधाएं उपलब्ध कराना’। इस योजना का उद्देश्य पहचाने गए गा्रमीण क्षेत्रों में शहरी सुविधाओं के सृजन और आधुनिक किफायती सम्पर्क के माध्यम से गा्रमीण-शहरी अंतर को दूर करना है। ’प्यूरा’ का मूल तथ्य है कि एक शहर के इर्द-गिर्द...
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September 18, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
पोषाहार Poshahar शरीर का स्वस्थ रहना जीवन की बुनियादी आवश्यकता है। रोगाी व्यक्ति का जीवन स्वस्थ आचार-विचार के अभाव में बोझ बनकर नष्ट हो जाता है। जिस देश के नागरिक स्वस्थ नहीं होते वह देश कभी उन्नति नहीं कर सकता । यही कारण है कि प्रत्येक राष्ट्र अपने नागारिकों के पोषाहार के स्तर को अच्छे से अच्छा बनाए रखने की चेष्टा करता है। पोषाहार का सबसे बड़ा महत्व इस बात में...
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September 18, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages1 Comment
निःशस्त्रीकरण Nishastrikaran निबंध संख्या: 01 निःशस्त्रीकरण का अभिप्राय है घातक शस्त्रास्त्र पर नियंत्रण रखना और शस्त्रों की बढ़ती संख्या को रोकना। विश्व-शांति का मूल उपाय निःशस्त्रीकरण में ही निहित है। आज विश्व शस्त्रों के अम्बार के नीचे दमघोंटू परिस्थिति में पड़ा हुआ है। विज्ञान ने इतने शक्तिशाली बमों का निर्माण कर लिया है कि विश्व की शांति के लिए खतरा पैदा हो गया है। प्रधानमंत्री नेहरू ने आधुनिक अस्त्रो की...
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September 18, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
नास्टैल्जिया Nostalgia आजकल हर जगह नास्टैल्जिया का व्यापार किया जा रहा है। एक संगीत कम्पनी ने फ्लैशबैक नामक एक एलबम के लिए 21 हिट गानों का चयन किया। यह कम्पनी तीसरे-चैथे दशक से संगीत का व्यापार कर रही है। उसके संग्रह में ऐसी धुनें हैं जिनसे लगभग प्रत्येक पीढ़ी की भावनाएं गहराई से जुड़ी हुई हैं। वस्तुतः इस कंपनी ने युगों पहले नास्टैल्जिया को कमाऊ जरिया बना लिया था। हम...
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September 18, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
दल-बदल की राजनीति Dal-Badal ki Rajniti दल-बदल का सामान्य अर्थ अपने दायित्व को त्यागना या उससे मुकरना है। लेकिन राजनीति में विशेष स्थितियों में इसके विभिन्न स्वरूप होते हैं। जैसे-दल का बदलना, जिस दल के अधीन चुनाव लड़े उस दल का त्याग, कोई दल छोड़ना या फिर उसमें शामिल होना आदि। अभी तक दल-बदल की कोई सार्वभौमिक एवं सर्व स्वीकृत परिभाषा नहीं बन पाई है। इस दिशा में डाॅ. सुभाष...
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September 18, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
चुनाव या निर्वाचन Chunav ya Nirvachan ‘जम्हूरियत वह तर्ज-ए-हुकूमत है कि जिसमें, बन्दों को गिना करते हैं, तौला नहीं करते।‘ – मो. इकबाल भारत एक प्रजातांत्रिक देश है। प्रजातांत्रिक शासत-प्रणाली में शासन जनता के हाथों में होता है। लेकिन यह संभव नहीं है कि जनता स्वयं शासर करे। इसमें जनता द्वारा चयनित या निर्वाचित प्रतिनिधि शासन चलाते हैं। इन प्रतिनिधियों का चयन जिस प्रक्रिया द्वारा होता है उसे ही ‘चुनाव...
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September 18, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
गांधी चिंतन Gandhi Chintan गांधी दर्शन जितना पवित्र और आदर्शात्मक था उतना ही तत्कालीन भारत के लिए उपयोगी भी था। लेकिन 21वीं सदी में यह दर्शन हमारी जीवन शैली से दूर होता जा रहा है और ऐसा मालूम होने लगा है कि गांधी जी के सपनों का भारत कहीं खो गया है। सत्य के नाम पर झूठ एवं धोखाधड़ी, अहिंसा के नाम पर हिंसा और सादगी और सत्याग्रह के नाम...
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September 17, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
गंगा-प्रदुषण की समस्या Ganga – Pradushan Ki Samasya पुण्य-सलिला गंगा के जल को सर्वपापहारी, सर्वरोगहारी अमृत-तुल्य माना गया है। यही कारण है कि हिन्दुओं के अनेक तीर्थ हरिद्वार, काशी, प्रयाग आदि गंगा के तट पर स्थित हैं। आर्थिक दृष्टि से गंगा के उपकारों का भारत सदैव ऋणी रहेगा। अनगिनत कल-कारखाने गंगा-तट पर स्थापित किए गए हैं तथा उत्तर प्रदेश, बिहार एवं बंगाल का विशाल क्षेत्र गंगा-जल से सिंचित उर्वर कृषि-क्षेत्र. बना...
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September 17, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages1 Comment