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Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Berojgari Samasya aur Samadhan”, “बेरोजगारी समस्या और समाधान” Complete Essay, Speech for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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बेरोजगारी समस्या और समाधान Berojgari Samasya aur Samadhan   एक विकासशील देश के पास कई सारी समस्याएँ होती हैं, उसी तरह हमारे आधुनिक भारत के पास भी अनेक समस्याएँ हैं जिनमें बेरोजगारी एक प्रमुख समस्या बेरोजगारी का अर्थ है बिना रोजगार के किसी का होना, फिर चाहे वह युवा हो या युवती, बूढ़ा हो या जवान, स्त्री हो या पुरुष। राष्ट्र निर्माण में युवकों की अहम् भूमिका है और यदि युवा...
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Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Bhrashtachar Karan aur Nivaran”, “भ्रष्टाचार कारण और निवारण” Complete Essay, Speech for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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भ्रष्टाचार कारण और निवारण Bhrashtachar Karan aur Nivaran भ्रष्टाचार नाम का दानव केवल भारत में नहीं अपितु संपूर्ण विश्व पर राज कर रहा है। यह अलग बात है कि कहीं इसका विरोध खुलकर होता है तो कहीं नहीं। आइए सबसे पहले हम देखें आखिर यह भ्रष्टाचार होता है क्या। किसी व्यक्ति द्वारा अन्य किसी व्यक्ति को उसके पदका लाभ उठाते हुए बदले में दिया जाने वाला मूल्य ही भ्रष्टाचार कहलाता है।...
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Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Kala Dhan – Samasya evm Samadhan”, “काला धन – समस्या एवं समाधान” Complete Essay, Speech for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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काला धन – समस्या एवं समाधान Kala Dhan – Samasya evm Samadhan काला धन यानि कोई काली रंग की वस्तु नहीं होती बल्कि छल और फरेब से। कमाया व छुपाया हुआ धन ही काला धन कहलाता है। काले धन की आत्मा तथा मन दोनों ही काला होता है, यानि यह छल से कमाया जाता है और छल द्वारा ही छुपाया जाता है। काले धन को सरकारी टैक्स से बचाने के लिए...
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Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Mahangai – Samasya aur Samadhan”, “महंगाई – समस्या और समाधान” Complete Essay, Speech for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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महंगाई – समस्या और समाधान Mahangai – Samasya aur Samadhan स्वाधीनता पूर्व हमारे देश को सोने की चिड़िया के नाम से जाना जाता था। जिसे लूटने बार बार विदेशी हमारे देश में आते थे और लूट-खसोट कर चले जाते थे। जिस कारण हमारे देश की आर्थिक स्थिति गड़बड़ा गई। जैसे तैसे देश पुरानी बातों को पीछे छोड़कर आगे बढ़ने लगा और आज सौभाग्य से हमारे देश का नाम विकासशील देशों के...
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Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Dahej – Samaj Ka Abhishap”, “दहेज – समाज का अभिशाप” Complete Essay, Speech for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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दहेज – समाज का अभिशाप Dahej – Samaj Ka Abhishap आज हमारे समाज में अनेक कुप्रथाएँ व्याप्त हैं। वर्तमान में जिस कुप्रथा ने हमारे समाज को अत्यधिक कलंकित किया है वह है दहेज-प्रथा। दहेज शब्द का जन्म वैसे अरबी भाषा के जहेज शब्द से हुआ ऐसा माना जाता है। जिसका अर्थ है भेट या सौगात। भेंट का शाब्दिक अर्थ किसी व्यक्ति द्वारा किसी अन्य व्यक्ति को कोई कार्य हो जाने पर...
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Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Sumitranand Pant”, “सुमित्रानंदन पंत” Complete Essay, Speech for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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सुमित्रानंदन पंत Sumitranand Pant हिन्दी साहित्य में कविताओं को विविध रंगों में पेश करने वाले सुमित्रानंदन पंत एक महान साहित्यकार हैं। उन्हें हिन्दी काव्य जगत में प्रकृति पुत्र भी कहा जातापंत जी का जन्म अल्मोड़ा जिले के कौसानी गाँव में हुआ था। यह पर्वतीय क्षेत्र उत्तरप्रदेश का बड़ा सुन्दर भाग है। पंत जी स्वयं अपनी मनोहर एवं रमणीय जन्मभूमि के लिए कहते हैं- मेरी जन्मभूमिकौसानी है, जिसे कर्माचल की एक विशिष्ट...
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Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Jay Shankar Prasad”, “जयशंकर प्रसाद” Complete Essay, Speech for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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जयशंकर प्रसाद Jay Shankar Prasad छायावाद के प्रारंभकर्ता महाकवि जयशंकर प्रसाद हिन्दी साहित्य में सर्वश्रेष्ठ कवि के रूप में प्रसिद्ध हैं। ऐतिहासिक नाटक लिखने वालों में भी जयशंकर प्रसाद किसी से पीछे नहीं हैं। उपन्यासकार के रूप में ये जाने जाते हैं। निबंधकार व आलोचक के नाते भी ये प्रसिद्ध हैं। सन् 1889 ई. में ऐसे प्रतिभाशाली साहित्यकार का जन्म हुआ था। ये सुंघनी साहू वंश से संबंधित थे। परिवार के...
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Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Munshi Premchand”, “मुंशी प्रेमचंद” Complete Essay, Speech for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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मुंशी प्रेमचंद Munshi Premchand हिन्दी साहित्य, ज्ञान, संस्कारों का एक ऐसा गहरा समुद्र है जिसमें अनंत रत्नों, मणियों के समान कवि, लेखक, साहित्यकार तथा उनके किए गए रचनात्मक कार्य अंतर्निहित हैं। हिन्दी साहित्य जगत् में प्रेमचंद जी का नाम बड़े आदर से लिया जाता है, प्रेमचंद जी को हम हिन्दी साहित्य के आधारस्तंभ भी कह सकते हैं। हिन्दी कथा साहित्य को गौरव प्रदान करने तथा उसे अंतर्राष्ट्रीय कथा साहित्य के समकक्ष...
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