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Archive by category "Hindi (Sr. Secondary)" (Page 104)
पूरीक्षा में नकल करते पकड़े गए छात्र नकल एवं उसके पिता के बीच संवाद पिता- आज तुमने मेरा सिर शर्म से झुका दिया। क्या यही संस्कार दिए हैं हमने तुम्हें ? नकुल- मास्टर जी ने कहा और आपने उसे सच मान लिया? मैं नहीं श्रीश नकल कर रहा था ? नकुल – मुझे बेवकूफ़ बनाने की कोशिश मत करो। पकड़ी गई पर्चियों पर तुम्हारा लेख मैं पहचान गया था। नकुल- आपको...
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October 31, 2020 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
घर में काम करने वाली दो परिचारिकाओं के बातचीत दीपा- आज तो बहुत थक गई। गुप्ता जी के घर मेहमान आए थे। बरतन साफ़ करते-करते कंधे दुख गए। रीटा- खाने को माल भी तो मिला होगा ? ईनाम के पैसे अलग से ? क्या बात करती है ? दीपा- पहले दर्जे की कंजूस है। बचा हुआ सारा खाना फ्रिज में रख दिया। एक टुकड़ा मिठाई तक का नहीं दिया, पैसे देना...
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October 31, 2020 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
घर में काम करने वाली परिचारिका कमला और मालकिन प्रमिला के बीच वेतन वृद्धि को लेकर संवाद कमला – माँ जी, अगले महीने से पगार 200 रुपए बढ़ा दो नहीं तो दूसरी कामवाली ढूँढ़ लो। प्रमिला – पैसे पेड पर नहीं उगते। एकदम 200 रु० ? 100-50 कहे तो बढ़ा दूंगी। कमला – मँहगाई का हाल तो देखो। कमरे का किराया 100 रुपए बढ़ गया। आटा-चावल सब्जी सब कितने महँगे हो...
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October 31, 2020 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
दादी और प्रगतिशील विचारों वाली पोती नेहा के बीच संवाद दादी- अरी नेहा, सुबह-सुबह कहाँ जा रही है ? नेहा- आपको बताया तो था, आज स्कूल से हमें ‘हरिजन बस्ती’ ले जा रहे हैं। वहाँ हम औरतों को घर-बाहर और स्वयं की साफ़-सफ़ाई की बातें बताएँगे। कंम्प्यूटर द्वारा वहाँ के स्कूली बच्चों का अपने बच्चों से संपर्क करवाएँगे। दादी – ऐं! तुम क्यों जाओगी इतनी गर्मी में। धूल-धक्कड़ भरी बस्ती में...
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October 31, 2020 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
हरे भरे वृक्ष और काट दिए वृक्ष के बीच संवाद हरा वृक्ष – क्या हाल बना दिया तुम्हारा इन इंसानों ने ? कटा वृक्ष – इंसान ? उन्हें इंसान कहेंगे तो ‘इंसानियत’ की परिभाषा बदलनी पड़ेगी। हरा वृक्ष – सच कहा तुमने ? कैसे हरे-भरे थे तुम कल तक! पक्षी तुम्हारी डाल से मेरी डाल पर फुदक-फुदक कर कैसे खेलते थे। वह बेचारी चिड़िया कितना रोई जिसका नीड़ उजड़ गया, अंडे...
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October 31, 2020 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
माँ के बीमार हो जाने पर भाई–बहन के बीच संवाद शैलेश – नीतू, तुमने न अपना बिस्तर ठीक किया है और ना ही कपड़े अलमारी में रखे हैं। नीतू – भैया, अभी कर दूँगी सब। मैं माँ के लिए दलिया बना रही थी। जब तक माँ ठीक नहीं हो जाती हम दोनों को मिलकर सारे काम करने होगे। शैलेश – वाह मेरी बहना! तू इतनी समझदार कैसे हो गई ? अब...
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October 31, 2020 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
पेड़ पर अंकुरित पल्लव और भूमि पर गिरे सूखे पत्ते के बीच वार्तालाप नव पल्लव- आहा! क्या मस्त हवा है। मुझे प्यार से दुलराती है, झुलाती है। है न प्यारी ? सूखा पत्ता – समय-समय की बात है। यही हवा मुझे असहाय जान इधर-उधर फेंकती रहती है। मैं विवश हो यहाँ-वहाँ ठोकरें खाता फिरता हूँ। नव पल्लव- तुम्हें पेड़ ने नीचे क्यों गिरा दिया? तुम इतने सूखे-पीले क्यों हो ? सूखा...
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October 31, 2020 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
शहर में महिलाओं के साथ बढ़ती छेड़छाड़ आदि की घटनाओं के संबंध में दो सखियों के बीच वार्तालाप शोभना– रेखा, आज शाम नेहरूपार्क में अनुष्का शंकर का कार्यक्रम है, चलोगी ? रेखा- मन तो बहुत है, पर माँ ने शाम के 6 बजे के बाद कहीं भी बाहर जाने पर रोक लगा दी है। शोभना- सच, दिल्ली हम महिलाओं के लिए कितनी असुरक्षित होती जा रही है। नारी मुक्ति के नारे...
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October 31, 2020 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment