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Articles posted by evirtualguru_ajaygour (Page 6)
आज का काम कल पर मत छोड़ो Aaj Ka Kaam Kal Par Mat Chodo “स्थगन,” विलियम शैक्सपियर ने कहा था, “समय का चोर है।” हमारे धर्म ग्रंथों में भी हमें यह उपदेश दिया गया है कि जो कुछ हमें तत्काल करना है उसे बिना समय गँवाये उसी समय करो। किसी कार्य को स्थगित करने का अर्थ है उस कार्य के प्रयोजन का हनन अथवा उससे प्राप्त होने वाले परिणामों में विलम्ब...
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May 9, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
मेरा सबसे अच्छा मित्र Mera Sabse Accha Mitra एक सच्चा मित्र किसी भी व्यक्ति के आनन्द और आशा का स्रोत होता है। वह हमारी वास्तविक सम्पदा है। वह एक खुली पुस्तक की तरह होता है। वह कभी भी दिखावा नहीं करता। वह विनम्र और मर्यादित रहता है। वह कभी भी हमें गलत मार्ग नहीं दिखाता। कोई भी बात उसे स्पष्ट बोलने से रोक नहीं सकती। वह हर दृष्टि से आदर्श होता...
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May 9, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
एक आदर्श विद्यार्थी Ek Adarsh Vidyarthi बहुत से लोग किताबी ज्ञान को ही शिक्षा का सब कुछ मान लेते हैं। यह सही नहीं है। वास्तव में शिक्षा का अर्थ है विद्यार्थी के व्यक्तित्व का समग्र विकास। इस लिए, एक आदर्श विद्यार्थी वही है जो अपनी शैक्षिक संस्थान की सभी गतिविधियों में रूचि लेता हो। वह न केवल अपनी पढ़ाई में ही अच्छा होता है बल्कि वह खेलों और कक्षा से बाहर...
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May 9, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
रेलवे स्टेशन का दृश्य Railway Station ka Drishya रेलवे स्टेशन का दृश्य बहुत रोचक होता है। परन्तु उस दिन मैंने एक बिल्कुल असाधारण दृश्य ‘देखा। एक तूफानी रात थी और मूसलाधार वर्षा हो रही थी। बिजली गुल हो गई थी और प्लेटफार्म पर सभी तरफ अन्धेरा था। मेरी माताजी तूफान एक्सप्रेस से आने वाली थीं। गाड़ी के आने का ठीक समय प्रातः काल 2 बजे था। इसलिए मैं एक घण्टा पहले...
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May 9, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
भारतीय संविधान की पुनर्संरचना Bhartiya Samvidhan ki Punarsanrachna 26 जनवरी 1950 को हमारे राष्ट्र में जिस संविधान को लागू किया गया था, वर्तमान बदलती अंतर्राष्ट्रीय स्थिति में उसमें कहीं न कहीं परिवर्तन करना अनिवार्य हो गया है। संविधान को सामान्यतः विधि सम्मत प्रभुतासम्पन्न राज्य की प्रक्रियाओं को सुनिश्चित करने के लिए लिखित प्रमाणों एवं अलिखित प्रमाणों वाले वादयोग्य राष्ट्रीय ढाँचे के समूह के रूप में परिभाषित किया जाता है। हमारे देश...
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May 9, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
प्रदर्शनी का दृश्य Pradarshni Ka Drishya भारत विभिन्न संस्कृतियों का देश है। इस देश में प्रदर्शनी आयोजित करने का विचार हमारे लिए कोई नया नहीं बल्कि पुराने समय से आयोजित किया जाने वाला एक विशेष कार्य रहा है। प्राचीनकाल में भी देश में हस्तशिल्प को बढ़ावा देने के लिए राजाओं और शहंशाहों द्वारा मीना बाजारों का आयोजन किया जाता था। भारत में ग्रामीण मेलों और धार्मिक उत्सवों में छोटी-छोटी प्रदर्शनियाँ लगाना...
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May 9, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
ज्ञान ही शक्ति है Gyan Hi Shakti Hai प्राचीन काल से यह कहा जाता रहा है कि जिसके पास वृद्धि है, उसी के पास बल है। शक्ति प्राप्त करने की इच्छा मानव की मूल प्रवृति होती है। इस इच्छा का कारण यह है कि मानव को इस बात का बोध है कि वह मानसिक और नैतिक दृष्टि से सृष्टि के अन्य जीवों से श्रेष्ठ है। अतः यह स्वाभाविक ही है कि...
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May 9, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
शिक्षा के लिए यात्रा का महत्त्व Shiksha ke Liye Yatra Ka Mahatva हिन्दी साहित्यकार राहुल सांकृत्यायन ने ज्ञान वृद्धि में भ्रमण को महत्वपूर्ण स्थान दिया। विशेष रूप से अंग्रेज, महाद्वीप की यात्रा किये बिना अपनी शिक्षा को पूर्ण नहीं मानते थे। यात्रा मानव का सबसे अधिक आनन्ददायक अनुभव होता है। लोगों को हमेशा ही एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने, दूसरे लोगों और स्थानों को देखने से आनन्द मिलता रहा...
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