Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Bharat Mein Sukhe Ki Samasya” “भारत में सूखे की समस्या” for Class 10, 12 Examination.
भारत में सूखे की समस्या (Bharat Mein Sukhe Ki Samasya)
सूखा एक मंद गति से उत्पन्न आपदा है, जो हमारे आर्थिक, औद्योगिक और सामाजिक क्षेत्र को कमजोर करता है। इससे विकास की प्रक्रिया उलट जाती है। यह एक विनाशकारी प्राकृतिक आपदा है जो लगातार पानी की कमी से उत्पन्न होती है। सूखा सामान्यतः जल असंतुलन, कृषि, पशुधन अथवा मानव आवश्यकताओं को बुरी तरह से प्रभावित करती है। इसके कारणों में मुख्य हैं: दक्षिण पश्चिम मानसून का देरी से शुरू होना, मानसून में अंतराल या समय पूर्व समाप्त होना तथा इसका असमान रूप से होना। मानवीय गतिविधियाँ भी सूखे को आमंत्रित करती हैं जैसे: वन कटाई, भू-उपयोग में परिवर्तन और अत्यधिक घास का चरना। ग्लोबल वार्मिंग और ग्रीन हाउस प्रभाव भी सूखे पड़ने के कारणों में सहायक होता है। इससे बचने के लिए हमें जल संसाधन प्रबंधन को उन्नत करना होगा। बाँध बनाना, जल संचयन प्रबंधन, वन उन्मूलन पर रोक, सूखारोधी फसलों का चयन करने के साथ लोगों को शिक्षित, प्रशिक्षित और जागरूक बनाना होगा ताकि इसकी रोकथाम कर सकें और सूखे जैसी आपदाओं से मुक्त रहे, दूर रहे।