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Ganga Nadi “गंगा नदी” Hindi Essay, Nibandh 500 Words for Class 10, 12 Students.

गंगा नदी

Ganga Nadi

भारत की सभी नदियों में गंगा सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण है। यह लगभग 2500 किमी लम्बी है। हिन्दुओं की ऐसी धारणा है कि यह भागीरथी द्वारा स्वर्ग से धरती पर उतारी गई थी इसलिए वे इसका काफी आदर करते हैं। यह गंगोत्री से निकलती है। हिमालय से गुजर कर यह हरिद्वार के मैदानी इलाकों में प्रवेश करती है। इलाहाबाद में इसमें यमुना नदी भी मिल जाती है। यहाँ इसे ‘त्रिवेणी का संगम’ कहा जाता है । इसके बाद यह बिहार से गुजरती है। यहाँ से यह नीचे की ओर बंगाल में प्रवाहित होती है जहाँ इसे भागीरथी के नाम से जाना जाता है। अन्त में यह बंगाल की खाड़ी में गिरकर समुद्र से एकाकार हो जाती है।

हिन्दुओं का यह विश्वास है कि गंगा के पवित्र जल में स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं। अन्य किसी भी नदी का जल गंगा जितना पवित्र नहीं है। हिन्दू मरणासन्न व्यक्ति के मुँह में गंगा जल की कुछ बूँदें डाली जाती है। एक हिन्दू की अन्तिम इच्छा गंगा के तट पर जीवन का अन्तिम समय गुजारने की होती है। वे मृत व्यक्ति की राख को गंगा में प्रवाहित करते हैं।

भारतीयों द्वारा गंगा को सबसे ज्यादा आदर व सम्मान दिया जाता है। भारत की जातिगत स्मृतियाँ, उसके विजय गीत, उसकी विजय और पराजय सभी गंगा से अन्तरंग रूप से जुड़े हुए हैं।

इसलिए इसे भारत की प्राचीन संस्कृति और सभ्यता का प्रतीक समझा जाता है। नेहरू ने गंगा को उसके व्यक्तित्व के रूप में देखा है-“वह हमेशा अपना स्वभाव बदलती रहती है। वह सुबह सूर्य के प्रकाश में मुस्कुराती और नृत्य करती है। शाम को वह काली उदास और रहस्यमय लगती है। ठण्ड के मौसम में वह संकुचित, धीमी और मनोहर दिखती है जबकि वर्षा ऋतु में वह विशाल तथा समुद्र की तरह दिखती है। उसमें अपने रास्ते में आने वाली सभी चीजों को समाहित करने की शक्ति आ जाती है।”

इस देश में बाढ़ हर साल की घटना बन गई है। कोई भी इसके प्रकोप से नहीं बचता। इन दिनों गंगा लोगों के लिए प्रकोपमय और त्रास बन जाती है। इसके किनारे बसे हजारों गाँव और शहर बह जाते हैं और इस विनाश से जान-माल की भारी क्षति होती है। मनुष्यों का सारा प्रयास गंगा के प्रकोप को रोकने में बेकार हो जाता है।

भारत के सभी प्रसिद्ध शहर- हरिद्वार, इलाहाबाद, कानपुर, वाराणसी, पटना आदि गंगा के किनारे बसे होने के कारण धार्मिक स्थल हो गए हैं। काशी भी एक ऐसा ही दूसरा धार्मिक शहर है। यह हमेशा से अध्ययन का स्थान रहा है। प्रयाग में भारत का प्रसिद्ध मेला, गंगा मेला और कुम्भ का मेला लगता है।

गंगा नदी बहुत ही उपयोगी है, यह अपनी कछारी मिट्टी मैदानी क्षेत्रों में देकर उसे अधिक उपजाऊ और समृद्ध बनाती है। सिंचाई में भी गंगा नदी का इस्तेमाल होता है। गंगा का उपयोग परिवहन में भी होता है।

जहाँ इसका पाट चौड़ा होता है, वहाँ नाव और जहाज चलते हैं। इसके अतिरिक्त विद्युत उत्पादन के लिए कुछ जल-परियोजनाएँ भी शुरू की गई हैं। इस प्रकार इससे भिन्न-भिन्न लाभ हैं।

सिर्फ पौराणिक कथाओं के कारण ही नहीं बल्कि अपनी विभिन्न उपयोगिताओं के कारण हमारे राष्ट्रीय जीवन में गंगा का महत्त्वपूर्ण स्थान है।

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