Hindi Letter “Avanchit Tatvo ke Rail Dibbe me ghus aane ke sandharbh me Railway adhikari ko patra”, “अवांछित तत्त्वों के डिब्बे में घुस आने के संदर्भ में रेल अधिकारी को पत्र ”
परीक्षा भवन
दिनांक…..
सेवा में,
चेयरमैन,
रेलवे बोर्ड,
बड़ौदा हाउस,
नई दिल्ली।
विषय : अवांछित तत्त्वों के डिब्बे में घुस आने के संदर्भ में
महोदय!
मैं आपका ध्यान आरक्षित सीटों पर बैठने वाले अवांछित तत्त्वों की ओर दिलाना चाहता हूँ। हफ्ते पहले मैं लखनऊ मेल से गाजियाबाद से लखनऊ थर्ड ए.सी. में टिकट आरक्षित करवा कर गया । दिल्ली से ही हमारे कोच नंबर एस-2 में चार-पाँच यात्री बिना टिकट बैठे थे। उन्होंने टी. टी. को कुछ दिया। जब हमने टी.टी. से शिकायत की तो उसने कहा कि अभी आपकी सीटों का इंतजाम करता हूँ। दरअसल ये वी.आई.पी. हैं। इनको सीट देना मेरी विवशता है। करीब आध घंटे बाद उसने गजरौला में हमें सीट दी और वह भी दूसरे कोच में यानी एस-1 में। उस कोच में भी इसी तरह कुछ बेटिकट यात्री चढ़ गए। उक्त टी.टी. ने उनसे भी रिश्वत ली और एक कोने में खड़ा करवा दिया। ये लोग कोच में शराब-सिगरेट पीते रहे और अश्लील मजाक करते रहे। जब टी.टी. से उनके व्यवहार की शिकायत की तो उसने अनसुना कर दिया। जब मैंने और कुछ अन्य यात्रियों ने उनके इस व्यवहार का विरोध किया तो वे लड़ने-मरने पर उतारू हो गए। गाड़ी सुबह कानपुर पहुंची तो डिब्बे में कुछ यात्रियों का सामान गायब मिला। लखनऊ जाकर जी.आर.पी. थाने में हमने इस संबंध में टी.टी. व उन अवांछित तत्त्वों की शिकायत की तो उसे अनसनी कर दिया गया। सच यह है कि आरक्षित कोच में अवांछित तत्त्व आ जाते हैं। वे सीटों पर बैठे लोगों से बदसलकी करते हैं। कई बार तो इनके इस तरह के व्यवहार में टी.टी. तक शामिल होते हैं। आप से अनुरोध है कि इस समस्या का समाधान करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करें।
भवदीय,
कपिल आहुजा,
गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश।