Hindi Essay on “Television aur Uski Upyogita”, “टेलीविज़न और उसकी उपयोगिता” Complete Essay, Paragraph, Speech for Class 7, 8, 9, 10, 12 Students.
टेलीविज़न और उसकी उपयोगिता
Television aur Uski Upyogita
Essay No. 01
जान-विज्ञान के हर क्षेत्र में प्रगति कर रहे वैज्ञानिकों ने अनेक अदभत सफलताएँ प्राप्त की हैं। टैलीविज़न भी ऐसी ही एक उपलब्धि है। टैली का अर्थ है दर और विजन का अर्थ है दृष्टि अर्थात् ऐसा उपकरण जिसके द्वारा दर घटने वाली घटनाएँ भी देखी जा सकें। हिन्दी में इसका दूरदर्शन’ नाम अत्यन्त उपयुक्त है।
स्काटलैंड के एक वैज्ञानिक ने 1926 में अटलांटिक सागर के पार चित्र भेजे थे, वही टेलीविज़न का सूत्रपात था। रेडियो और सिनेमा दोनों का मिला-जुला रूप टैलीविज़न है। टैलीविज़न ने आज मनोरंजन के साधनों में सर्वप्रथम स्थान प्राप्त कर लिया है। इस पर अनेक प्रकार के मनोरंजक कार्यक्रम आते रहते हैं। पहले सिनेमा देखने के लिए लोगों को घर से बाहर जाना पड़ता था। टिकट लेने पर पैसे तो खर्च करने पड़ते थे साथ ही भीड़ होने पर लाईन में भी खड़ा होना पड़ता था। टिकट न मिलने पर निराश हो कर घर लौट आते थे। अब टैलीविज़न पर घर बैठे ही फिल्में देखी जा सकती हैं। हमारे देश में विदेशी फिल्मों के अतिरिक्त अपनी फिल्में भी टैलीविज़न पर दिखाई जाती हैं।
टेलीविज़न द्वारा शिक्षा के प्रसार में भी बहुत सहायता मिलती है । रेडियो पर सुनाई विधि तो भूल सकती है किन्तु टेलीविज़न पर क्रियात्मक रूप से करके दिखलाया गया कार्य बडी सरलता से समझ में आ जाता है और थोडे किए भलता भी नहीं। स्कूलों और कालिजों के विद्यार्थियों के प्रशिक्षण के लिए यह एक सशक्त और सफल साधन है। टैलीविज़न द्वारा कृषि आधारित विधियां भी किसानों को समझाई जाती हैं। यदि प्रत्येक पंचायत को सरकार द्वारा एक-एक सैट दे दिया जाए या पंचायतें स्वयं खरीद लें तो इससे किसान भाईयों को बहुत लाभ पहुंच सकता है। साथ ही नई विधियों द्वारा अन्न, फल और सब्जियों के उत्पादन को भी बढ़ाया जा सकता है।
टैलीविज़न द्वारा नृत्य, संगीत और खेलों का भी समुचित प्रशिक्षण दिया जा सकता है। सामान्य जनता को परिवार नियोजन के साधनों एवम् लाभों से परिचित करवा कर जनसंख्या की वृद्धि पर नियंत्रण किया जा सकता है। आम रोगों और उनसे बचाव आदि के कार्यक्रम प्रदर्शित करके जनता को स्वस्थ बनाया जा सकता है और औषधियों पर खर्च होने वाले रुपये को अन्य विकास कार्यों में लगाया जा सकता है।
भारत जैसे विशाल देश में टैलीविज़न भावनात्मक एकता भी ला सकता है। टैलीविज़न द्वारा महान् नेताओं, लेखकों, अभिनेताओं, विदेशी नेताओं या कलाकारों से मानो एक प्रकार का साक्षात्कार ही हो जाता है। विविध मैचों आदि के प्रदर्शन की भी व्यवस्था होती है। समाचार भी सुनाये जाते हैं और राष्ट्रपति तथा प्रधानमंत्री आदि के भाषणों को भी हम टैलीविज़न पर देख और सुन सकते हैं।
टेलीविज़न ने बच्चों के बौद्धिक और मानसिक विकास में बहुत सहायता दी है। जिन घरों में टेलीविज़न सैट हैं उन घरों के बच्चों का सामान्य ज्ञान अन्य बच्चों की तुलना में बहुत विकसित होता है।
जहाँ टेलीविज़न के लाभ हैं वहां कुछ हानियां भी हैं। हाल ही में दिल्ली के एक डाक्टर ने चेतावनी दी थी कि छोटे बच्चों को टैलीविज़न नहीं देखना चाहिा क्योंकि इससे बच्चों के स्नायुसंस्थान पर बुरा प्रभाव पड़ता है और उनको मिरगी जैसे दौरे पड़ने लगते हैं। टैलीविजन अधिक नज़दीक से देखना तथा अधिक देर तक देखना नेत्रों के लिए हानिकारक है। टैलीविज़न से ज्ञान चाहे बढ़ता है, किन्न जो बच्चे रात को अधिक देर तक टेलीविज़न देखते रहते हैं वे प्रायः स्कूल या कॉलेज की शिक्षा में पिछड़ जाते हैं क्योंकि वे अपनी पढ़ाई की ओर पूरा ध्यान नहीं देते। टैलीविज़न पर दिखाये जाने वाले चलचित्रों में वासनात्मक दृश्यों की अधिकता रहती है, या अपराध-सम्बन्धी चित्र दिखाए जाते हैं, उनका प्रभाव भी किशोर मन पर अच्छा नहीं पड़ता।
इन बुराइयों को दूर करने का एक उपाय तो यह है कि कार्यक्रम अच्छे हों और दूसरा यह कि माता-पिता बच्चों को थोडी देर और वह भी उपयोगी कार्यक्रम ही देखने दें।
टेलीविजन
Television
Essay No. 02
आज के भागदौड़ तथा प्रतिस्पर्धा के युग में मनुष्य का संपूर्ण जीवन एक मशीन बनकर रह गया है। अपने मस्तिष्क को नई स्फूर्ति तथा शक्ति देने के लिए मनुष्य को आराम तथा मनोरंजन की अत्यंत आवश्यकता पड़ती है। आज के समय में टेलीविजन मनोरंजन का मुख्य साधन है। यह हमें मनोरंजन के साथ-साथ ज्ञान भी देता है। वर्तमान समय में प्रत्येक घर में टेलीविजन उपलब्ध है। अधिकतर लोग अपना ज्यादातर समय टेलीविजन देखकर गुजारते हैं।
टेलीविजन से हम घर बैठे-बैठे पूरे विश्व की जानकारी ले सकते हैं। इस पर विभिन्न चैनलों पर अनेक पारिवारिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, सामाजिक और राजनैतिक कार्यक्रम दिखाए जाते हैं। खेल तथा खबरें भी टेलीविजन पर आते हैं। कोई भी अपनी रुचि के अनुसार टेलीविजन पर कार्यक्रम देख सकता है। एक छात्र के लिए तो टेलीविजन अत्यंत उपयोगी है। वह इस पर विभिन्न शैक्षिक कार्यक्रम देखकर अपना ज्ञानवर्धन कर सकता है। राष्ट्रीय एकता के लिए भी टेलीविजन की भूमिका महत्त्वपूर्ण है। इस पर प्रसारित होने वाले कार्यक्रम देश को भाषायी, क्षेत्रीय तथा सामाजिक आधार पर जोडते हैं। इस पर आने वाले समाचार देश-विदेश का सही हाल जनता तक पहुँचाते हैं तथा अफवाहों एवं भ्रांतियों को फैलने से रोकते हैं। जनता को अपने कर्तव्य तथा अधिकारों के प्रति जागरूक बनाने में टेलीविजन का बडा योगदान है।
विज्ञान का यह अनुपम उपहार केवल मनोरंजन का साधन ही नहीं बल्कि ज्ञान का अतुलनीय भंडार भी है। किंतु इसका एक दुर्बल पक्ष भी है। इस पर आने वाले बहुत से हिंसक तथा अश्लील कार्यक्रम समाज को गलत संदेश दे रहे हैं तथा युवाओं को भ्रमित कर रहे हैं। टेलीविजन पर आने वाले इन भद्दे कार्यक्रमों तथा फिल्मों से समाज में अश्लीलता, हिंसा तथा फूहड़पन का प्रसार हो रहा है। ये चीजें भारतीय सभ्यता के भी विरुद्ध हैं। टेलीविजन पर दिखाए जाने वाले अनेक विज्ञापन वस्तुओं के उन गुणों के बारे में प्रचार करते हैं, जो वास्तव में उनमें है ही नहीं। लेकिन किसी चीज के गलत प्रयोग से उसकी उपयोगिता पर प्रश्नचिह्न नहीं लगाया जा सकता है। टेलीविजन मनुष्य के लिए अत्यंत उपयोगी है। आवश्यकता इस बात की है कि मनुष्य अपनी बुद्धि का सही प्रयोग करके इसका पूरा लाभ उठायें।