Hindi Letter “Kusangati evm Dhumrapan ke dushparinam ke liye chote bhai ko Patra ”,”कुसंगति एवं धूम्रपान के दुष्परिणाम के लिए छोटे भाई को पत्र” Hindi Letter for Class 10, 12 and Graduation Classes.
कुसंगति एवं धूम्रपान के दुष्परिणाम के लिए छोटे भाई को पत्र
Kusangati evm Dhumrapan ke dushparinam ke liye chote bhai ko Patra
जागृति विहार,
राजकोट।
7 सितंबर, 2012
विषय : कुसंगति एवं धूम्रपान के दुष्परिणाम
प्रिय नलिन,
शुभाशीष।
आशा है, तुम अपनी परीक्षा की तैयारी में पूर्ण मनोयोग से जुटे होगे। मेरा मन एक अजीब-सी बेचैनी से भरा था। पहले सोचा भी कि तुम्हारी परीक्षा निकट है। अभी तुमसे इस विषय में बात करना उचित नहीं होगा। किंतु जब न रहा गया तो तुम्हें पत्र लिखने बैठ ही गया।
कल बाजार जाते समय तुम्हारे घनिष्ठ मित्र संदीप को कुछ लड़कों के साथ सिगरेट पीते देखा तो मन परेशान हो गया। कहीं तुम भी तो उसकी संगति में इस व्यसन के शिकार नहीं हो गए हो । यद्यपि मन तुम पर इतना विश्वास करता है कि ऐसा सोचने को तैयार न हुआ तथापि स्नेह भीत बनाता है। कुसंगति और धूम्रपान के क्या दुष्परिणाम हो सकते हैं, उनके प्रति तुम्हें सचेत करना मेरा कर्तव्य है।
धूम्रपान स्वास्थ्य के लिए कितना हानिकारक है, यह तुम अनेक वैधानिक चेतावनी के द्वारा जान भी चुके होगे। खाँसी, श्वास रोग, फेफड़ों की बीमारियाँ, कैंसर आदि रोग इसी दुर्व्यसन की देन होते हैं। प्रारंभ में गलत मित्रों के प्रोत्साहन पर अपनाया गया यह शौक बाद में ऐसा व्यसन बनकर गले से चिपक जाता है कि उससे पीछा छुड़ाना प्रायः असंभव हो जाता है।
इसीलिए हमारे बड़े-बुजुर्गों ने कहा है कि केवल कुसंगति से मनुष्य में अन्यान्य दणि उत्पन्न हो जाते हैं। यदि मात्र बुरे लोगों से ही बचकर रहा जाए। तो व्यक्ति में किसी भी प्रकार का अवगुण नहीं आता। यदि दुर्गुणों से बचना चाहते हो तो कुसंगति से दूर रहो। यदि तुम किसी सुगंधित तेल, सेंट आदि विक्रेता की दुकान पर जाओगे तो तुम्हारे कपड़ों से सेंट की महक आने लगेगी और यदि लुहार के पास बैठोगे तो
उसकी भट्ठी के कारण तुम्हारे कपड़ों में छेद हो जाएँगे।
आशा है, तुम मेरी चेतावनी और सुझाव पर ध्यान देकर मेरे भय को असत्य सिद्ध कर दिखाओगे। शुभकामनाओं सहित
तुम्हारा बड़ा भाई
शरद