Home » Languages » Hindi (Sr. Secondary) » Hindi Essay on “Maha Shivratri” , ” महा शिवरात्री” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

Hindi Essay on “Maha Shivratri” , ” महा शिवरात्री” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

महा शिवरात्री

भारतवर्ष में हिन्दुओं के तैतीस करोड़ देवी देवता है जिन्हें वे मानते तथा पूजते है परन्तु उनमे ससे प्रमुख स्थान भगवान शिव का है | भगवान शिव को मानने वालो ने शैव नामक सम्प्रदाय चलाया | शैव सम्प्रदाय के अधिष्ठाता एव प्रमुख देवता भगवान शिव ही माने जाते है | भगवान शिव को शंकर , भोलेनाथ, पशुपति, त्रिनेत्र , पार्वतीनाथ आदि अनेक नामो से पुकारा जाता है |

शिव पुराण के अनुसार भगवान शिव सभी जीव जन्तुओ के स्वामी एव अधिनायक है | ये सभी जीव-जन्तु , किट – पतंगे भगवन शिव की इच्छा से ही सब प्रकार के कार्य तथा व्यापार किया करते है | शिवपुराण के अनुसार भगवान शिव वर्ष में छ : मास कैलाश पर्वत पर रहकर तपस्या में लीन रहते है | उनके साथ ही सभी कीट – पतंग भी अपने बिलों में बन्द हो जाते है | उसके बाद छ : मास तक कैलाश पर्वत से उतर कर धरती पर शमशान घाट में निवास किया करते है | इनके धरती पर अवतरण के साथ ही सरे कीट पतंग भी धरती पर विचरण करने लगते है | भगवान् शिव का यह अवतरण प्राय : फाल्गुन मास के कृष्णा पक्ष की त्रयोदशी तिथि को हुआ करता है | अवतरण का यह महान दिन शिवभक्तो में महा शिवरात्री के नाम से जाना जाता है |

महा शिवरात्रि के दिन शिव मन्दिरों को बड़ी अच्छी तरह से सजाया जाता है | भक्तगण सारा दिन निराहार रह कर व्रतोपवास किया करते है | अपनी सुविधानुसार सायंकाल में वे फल , बेर , दूध आदि लेकर शिव मन्दिरों में जाते है | वहा दूध – मिश्रित शुद्ध जल से शिवलिंग को स्नान कराते है | तत्पश्चात शिवलिग पर फल , पुष्प व बेर तथा दूध भेट स्वरूप चढाया करते है | ऐसा करना बड़ा ही पुण्यदायक माना जाता है | इसके साथ ही भगवान शिव के वाहन नन्दी की भी इस रात बड़ी पूजा व सेवा की जाती है | महा शिवरात्रि के दिन गंगा – स्नान का भी विशेष महत्त्व है क्योकि एसी मान्यता है की भगवान शिव ने गंगा के तेज प्रवाह को अपनी जटाओ में धारण करके इस मृत्युलोक के उध्दार के लिए धीरे-धीरे धरती पर छोड़ा था |

About

The main objective of this website is to provide quality study material to all students (from 1st to 12th class of any board) irrespective of their background as our motto is “Education for Everyone”. It is also a very good platform for teachers who want to share their valuable knowledge.

commentscomments

  1. riya sinha says:

    very nice article thank you sharing with us

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *