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Posts tagged "Hindi Essay" (Page 40)
छाती का जामुन, मेरे मुंह में डाल दो Chati ka Jamun, mere muh me daal do सड़क के किनारे एक बाग था। उस बाग में दो-तीन जामुन के पेड़ थे। जामुन के पेड़ के नीचे दो आदमी सो रहे थे। इधर-उधर तमाम जामुनें टपकी पड़ी थीं। एक जामुन एक आलसी के सीने पर पड़ी हुई थी। आंख खुलते ही उस आलसी को लगा कि छाती पर कुछ पड़ा है। उसने थोड़ा...
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July 5, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
अजगर करे न चाकरी, पंछी करे न काम Ajgar kare na Chakri, Panchi kare na Kaam एक दिन मलूकदास को न जाने क्या सूझा कि हठ कर बैठे कि ईश्वर सबको खिलाता है। मैं देखता हूं ईश्वर मुझे कैसे खिलाता है? ऐसा सोचकर वे एक जंगल में चले गए। जंगल में उन्हें एक छायादार वृक्ष मिला। मलूकदास उसी वृक्ष के नीचे लेटकर सुस्ताने लगे। थोड़ी देर बाद वे उसी पेड़ पर...
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July 5, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
गरीब की जोरू, सबकी भाभी Garib ki Joru, Sabki Bhabhi एक मोहल्ले में एक गरीब परिवार था। उस मोहल्ले में कुछ अमीर थे और ऐसे परिवार अधिक थे जो न अमीर थे और न गरीब थे। गरीब परिवार का दीनू सबको राम-राम करता था। वह सब लोगों के काम भी आता रहता था। उस मोहल्ले में विभिन्न समाज और बिरादरी के लोग थे। दीनू के पड़ोस में एक परिवार ठाकुर का...
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July 5, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
एक तो करेला, दूसरा नीम चढ़ा Ek to Karela, Dusra Neem Chadha एक व्यक्ति को मधुमेह की बीमारी थी। वैद्य का कहना था कि करेले की सब्जी और करेले का रस मधुमेह के रोगी के लिए बहुत लाभदायक होता है। वैद्य ने उससे करेला खाने के लिए कहा तो बिदक गया। करेले से ही नहीं बल्कि हर कड़वी चीज से उसे एक तरह से नफरत थी। यहां तक कि यदि...
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July 5, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
नाच न जाने, आँगन टेढ़ा Naach Na Jane, Aangan Tedha लड़के की शादी थी। दो दिन बाद बरात जानी थी। दो दिन से शाम को गीत और नाच नियमित हो रहे थे। आज तीसरा दिन था। रिश्तेदार, घर-कुनबा और आस-पड़ोस की महिलाएं गीत में शामिल थीं। कुनबे की एक बुआ थी। सुंदर भी थी और कपड़े भी अच्छे पहने थी। जब कोई नाचता था तो वह कुछ-न-कुछ बोल देती थी। कभी...
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July 5, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
लालच बुरी बला है Laalach Buri Bala Hai एक शहर में एक सुनार था। उसकी दुकान बहुत प्रसिद्ध थी। वह अपनी दुकान पर नए-नए डिजाइनों में सोने-चांदी के गहने बनाता था और बेचता था। कुछ लोग अपने पुराने गहने लाते थे और कुछ पैसे देकर नए गहने बनवा ले जाते थे। उसकी नाप-तौल बिल्कुल ठीक होती थी। ईमानदारी में उसका नाम था। अपनी मेहनत की मजदूरी ठीक-ठीक लेता था। सोने...
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July 5, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
बगल में लड़का, शहर में ढिंढोरा Bagal me ladka, shahar me dhindhora सदी का मौसम था। आंगन में तीन महिलाएं बैठी थीं। एक महिला लाल मिर्च के डंठल तोड़ रही थी और दो महिलाएं उसके साथ बातें कर रही थीं। मिर्च के डंठल तोड़ने वाली महिला अचानक कहने लगी, “अरी बहना, अभी-अभी मेरा लड़का यहीं खेल रहा था। वह देखो, बस्ता भी यहीं पड़ा है। मालूम नहीं कहां गया?” यह कहते...
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July 3, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
थोथा चना, बाजे घना Thotha Chana, Baje Ghana अकबर बादशाह अधिकतर बीरबल के साथ यमुना नदी के किनारे टहलने जाया करते थे। नदी के किनारे खेतों में किसानों को काम करते देखते रहते थे। एक बार नदी के किनारे टहलते हुए अकबर बादशाह बीरबल से बोले, “बीरबल, सुना है फसल बहुत अच्छी हुई है। चलो आज खेतों में चलते हैं।” बीरबल बोले, “आपकी जैसी इच्छा।” चने की फसल पकी हुई खड़ी...
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