Hindi Essay, Paragraph on “फूल की आत्मकथा”, “Phool ki Atamakatha” 350 words Complete Essay for Students of Class 9, 10 and 12 Exam.

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फूल की आत्मकथा Phool ki Atamakatha  सुख-दुख में समान जीवन प्रकृति की शोभा और सुंदरता का अंग जीवन का अंत। मैं फल हूँ। आकाश के नीचे मेरा आवास है। ग्रीष्म, वर्षा, शीत को सहन करने का मुझे अभ्यास है। मैं वायु के मंद-मंद झोकों से नाचता हूँ, परंतु प्रचंड पवन के झोंको को भी हँसते-हँसते सहन करता हूँ। दूसरों को अपने रूप सौंदर्य, गंध तथा कोमलता द्वारा प्रसन्न करना ही मेरा...
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Hindi Essay, Paragraph on “अगर खेल न होते”, “Agar Khel Na Hote ” 150 words Complete Essay for Students of Class 9, 10 and 12 Exam.

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अगर खेल न होते Agar Khel Na Hote  खेल मनोरंजन का साधन खेल व स्वास्थ्य खेल व सट्टेबाजी खेल मानव के मनोरंजन का साधन है। इससे जीवन की एकरसता नहीं रहती। अब अगर यह कल्पना करें कि अगर खेल न होते तो क्या होता? मनुष्य अपना मनोरंजन कैसे करता? अगर खेल न होते तो सबसे पहले मानव स्वभाव आलसी, अकर्मण्य व क्रोधी होता। मनुष्य एक ही कार्य को लगातार करके बोर...
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Hindi Essay, Paragraph on “मेरी प्रिय ऋतु”, “Meri Priya Ritu” 150 words Complete Essay for Students of Class 9, 10 and 12 Exam.

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मेरी प्रिय ऋतु Meri Priya Ritu बसंत ऋतु प्रिय होने के कारण प्राकृतिक सौंदर्य बसंत को ‘ऋतुराज’ की संज्ञा दी गई है। जब यह आता है तो हर्ष व आनंद को साथ लाता है। हर प्राणी इस आनंद में डूब जाता है। माघ सुदी पंचमी के दिन बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन हर जगह लोग पीले रंग के वस्त्र पहनते हैं। कई प्रकार के नए-नए भोजन तैयार...
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Hindi Essay, Paragraph on “भ्रष्टाचार: एक सामाजिक समस्या”, “Bhrashtachar Ek Samajik Samasya” 150 words Complete Essay for Students of Class 9, 10 and 12 Exam.

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भ्रष्टाचार: एक सामाजिक समस्या Bhrashtachar Ek Samajik Samasya  भ्रष्टाचार की वर्तमान दशा सुविधाओं की इच्छा उत्प्रेरक कारक भ्रष्टाचार का अर्थ है-अनैतिक व्यवहार। किसी भी कार्य को वैधानिक तरीके से न करना भी भ्रष्टाचार कहलाता है। भारत में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। न्याय प्रशासन, शिक्षा संसद आदि हर जगह भ्रष्टाचार ने अपने पाँव फैला लिए हैं। सरकारी दफ्तरों में फाइल ही रिश्वत से खुलती है। पुलिस रिश्वत लेकर अपराध का चरित्र...
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Hindi Essay, Paragraph on “जनसंख्या का भयावह”, “Jansankhya ka Bhavah” 150 words Complete Essay for Students of Class 9, 10 and 12 Exam.

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जनसंख्या का भयावह Jansankhya ka Bhavah जनसंख्या एक समस्या बढ़ती जनसंख्या के परिणाम नियंत्रण के उपाय विश्व के अनेक देशों में जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है। भारत में हर वर्ष लगभग सवा करोड लोग बढ़ते हैं। आज हम 1,412,125,489 की संख्या पार कर चुके हैं। यहाँ आबादी सबसे बड़ी समस्या बन चकी है। देश के पास भोजन, वस्त्र व आवास की उपलब्धता इतनी नहीं है कि सभी की जरूरतें परी...
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Hindi Essay, Paragraph on “दहेज प्रथा एक सामाजिक समस्या”, “Dahej Pratha ek Samajik Samasya” 200 words Complete Essay for Students of Class 9, 10 and 12 Exam.

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दहेज प्रथा एक सामाजिक समस्या Dahej Pratha ek Samajik Samasya  समाज का अभिशाप लड़कियों को तिरस्कृत समझना जिंदा जलाने का चलन प्रत्येक समाज में विभिन्न प्रकार के रीति-रिवाज चलन में आते हैं, लेकिन कुछ समय बाद इनमें कई प्रकार की बुराइयाँ आ जाती हैं। दहेज प्रथा भी एक ऐसा ही रिवाज है, जो आज समाज के लिए अभिशाप बन गया है। दहेज प्रथा के कारण ही बेईमानी, रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार, कालाबाजारी, चोरबाज़ारी,...
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Hindi Essay, Paragraph on “पराधीनता एक अभिशाप”, “Paradhinta ek Abhishap ” 200 words Complete Essay for Students of Class 9, 10 and 12 Exam.

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पराधीनता एक अभिशाप Paradhinta ek Abhishap  स्वाधीनता मानवीय विकास का प्रथम चरण है तथा दासता मानवता के मस्तक पर कलंक है। दासता का जीवन पशु-जीवन के समान होता है। वह मानव की प्रतिष्ठा तथा मान-सम्मान के विरुद्ध है। दासता के दमघोट वातावरण में कोई व्यक्ति समाज अथवा राष्ट्र अपने व्यक्तित्व को विकसित नहीं कर सकता। यह कितनी लज्जा की बात है कि मनुष्य-मनुष्य को अपना दास बनाने का प्रयत्न करे। दासता...
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Hindi Essay, Paragraph on “शराब एक सामाजिक कलंक ”, “Sharab ek Samajik Kalank” 200 words Complete Essay for Students of Class 9, 10 and 12 Exam.

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शराब एक सामाजिक कलंक  Sharab ek Samajik Kalank शराब एक अभिशाप शराब के दुष्परिणाम निष्कर्ष शराब एक सामाजिक कलंक है। शराब मनुष्य की विचार-शक्ति तथा स्वास्थ्य को नष्ट करती है। वास्तव में शराब सब बुराइयों की जड़ है। शराबी समझता है कि वह शराब पीता है, परंतु वास्तव में शराब उसे पीती है। सच्ची बात तो यह है कि शराब व्यक्ति को ही नहीं अपितु समुचे समाज के स्वास्थ्य तथा नैतिकता...
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