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Hindi Letter “T.V Channel ko unke mool Kartavya aur Jimedari par Sampadak ko Patra ”,”टी. वी. चैनल को उनके मूल कर्तव्य ओर जिम्मेदारी पर संपादक को पत्र”.

कुछ टी. वी. चैनल अपराध-कथाओं और अंधविश्वासों पर विशेष बल देकर मीडिया के मूल कर्तव्य ओर जिम्मेदारी से पलायन कर रहे हैं। इस संबंध में अपने व्यक्त करते हुए एक पत्र किसी दैनिक पत्र के संपादक को लिखिए।

 

सेवा मंे

 

संपादक,

नवभारत टाइम्स,

नई दिल्ली।

 

महोदय,

मैं आपके लोकप्रिय दैनिक समाचार पत्र के माध्यम से मीडिया का ध्यान टी. वी. सीरियलों में अपराध कथाओं और अंधविश्वासों पर आधारित कार्यक्रमों की बाढ की ओर आकर्षित कराना चाहता हूँ। आशा है आप जनहित में मेरा पत्र अवश्य प्रकाशित करेंगे।

लगता है कि मीडिया अपने मूल कर्तव्य और जिम्मेवारी से पलायन कर रहा है। वह लोगों को सूचना देने के स्थान पर गैर जरूरी चीजें परोस रहा है। उसे चैबीसों घटे चैनल चलाना है। अतः बेसिर पैर की कथाओं का सहारा ले रहा है। अपराध कथाओं को सनसनी पैदा करके प्रस्तुत किया जाता है। अनेक दंत कथाओं को इस प्रकार दिखाया जाता है कि उससे अंधविश्वासों को बढावा मिलता है। रामायाण और महाभारत की घटनाओं को तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है। इससे समय एवं पैसे की भी बर्बादी होती है। इसे तुरंत रोका जाना चाहिए। टी.वी. को इस प्रकार के अंधविश्वासी कार्यक्रमों की पहले से ही स्क्रीनिंग करनी चाहिए। आशा है मीडिया अपने व्यापक उत्तरदायित्व को समझकर स्वयं इन पर रोक लगाएगा।

भवदीय

 

रवि सक्सेना

संयोजक

दूरदर्शन दर्शक मंच, दिल्ली

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