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Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Yadi me Pradhanmantri Hota ”, “यदि मैं प्रधानमंत्री होता” Complete Essay, Speech for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

यदि मैं प्रधानमंत्री होता

Yadi me Pradhanmantri Hota 

हाँ, आपने सच ही सुना है यदि मैं प्रधानमंत्री होता, तो आपको पता है मैं क्या करता …

किसी भी राष्ट्र का शासनाध्यक्ष होना मतलब कांटों का ताज पहनना। विपत्तियों का पहाड़ उठाना, जलते अंगारों पर चलना, आग के दरिया में कूदना, खाई के बीचोंबीच चलना आदि के बराबर होता है।

बेनजीर भुट्टो, हिटलर, गद्दाफी आदि इसके साक्षात् प्रमाण हैं। अगर हम अपने भारत देश को ही ले लें तो श्री लालबहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी आदि की असामयिक मृत्यु इसके प्रमाण हैं।

भारत के संविधान में प्रधानमंत्री का पद सर्वोच्च बताया गया है। प्रत्येक नागरिक का हक इस पद पर हो सकता है, सभी इस पद के जोख़िम को जानते हुए भी इस पर बैठने लालायित रहते हैं। अतः अगर मुझे भी मौका मिले तो मैं भी पीछे नहीं हदूंगा। भला मैं अपने प्यारे भारतीयों का दिल तो नहीं तोड़ सकता हूँ।

सत्तासीन होकर मैं एक राष्ट्रभक्त की तरह हर पल राष्ट्र की उन्नति व विकास के बारे में ही सोचूंगा। भगतसिंह, चंद्रशेखर आजाद, महात्मा गांधी, सरदार पटेल आदि मेरे आदर्श रहेंगे।

जैसा कि हम सब जानते हैं, भारत एक प्रजातांत्रिक देश है, समानता प्रजातंत्र का ही मूलमंत्र है। आज भारत के समक्ष कई चुनौतियाँ हैं, जो समस्या बन मुँह उठाए खड़ी हैं। बेरोजगारी, निर्धनता, भूखमरी आदि इसके साक्षात् प्रमाण हैं।

अतः प्रधानमंत्री बनते ही सर्वप्रथम मैं इन चुनौतियों से निपटूगा, यही मेरा प्रथम कर्तव्य होगा। इनके अलावा अशिक्षा, जातीयता, संप्रदायिकता एवं आतंकवाद आदि को भी जड़ से उखाड़ फेंकने को प्राथमिकता दूंगा। मैं देश-विदेश का भ्रमण कर हर संपन्न देश से कुछ न कुछ रहस्य सीख अपने भारत में लौटुंगा और देश को सभी अन्य देशों से समृद्ध बनाने का लक्ष्य रचूँगा। मेरी समझ से अगर देश से अशिक्षा को मिटा दिया जाए तो अपने आप ही हर समस्या का निदान संभव हो जाएगा।

मैं शिक्षा के क्षेत्र में नए-नए शोध करवाकर नई पद्धति से भारत में अशिक्षा को मिटाने का प्रयास करूंगा।

हमारी भारतीय अर्थव्यवस्था को मैं और भी समृद्ध बनाने के हर संभव प्रयास करूंगा। जैसा कि हम जानते हैं की हमारी भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ कृषि है, मैं नए-नए शोध द्वारा इसे विज्ञान की सहायता से और सफल बनाने का भरपूर प्रयास करूंगा। साथ ही हरित क्रांति लाऊंगा।

बेरोजगारी मिटाने हेतु घर-घर कुटीर उद्योगों को प्रोत्साहन दूंगा। हर किसी को किसी न किसी कार्य में व्यस्त रहने की शिक्षा दूंगा, गौ-पालन पर सबका ध्यान आकर्षित कर श्वेत क्रांति लाने का प्रयास करूंगा।

संक्षेप में अगर कहूँ तो मैं इस देश से बेरोजगारी मिटाने का प्रयास करूंगा।

मैंने अपने जीवन में जो अनुभव किया वह यह कि जातियता, भाई-चारे की सबसे बड़ी समस्या है, इस हेतु भी मैं अपने देश में विभिन्न जागरूकता अभियान चलाते हुए, अंतर्जातीय विवाह करने वालों को प्रोत्साहित करूगा साथ ही अन्य को इस हेतु प्रेरणा भी दूंगा।

समय-समय पर अन्य देश के राजनेताओं को अपने देश बुलवाकर उन्हें सम्मानित करूंगा साथ ही भारत देश में इंवेस्टमैंट हेतु आग्रह करूंगा। इससे हमारे कई फायदे होंगे, एक तो वो हम से दबे रहेंगे और साथ ही हमारे देश के कई नौजवानों को रोजगार का अवसर भी मिल जाएगा।

अगर अन्य नेताओं का सहयोग मिले तो मैं इस देश का नासूर बन चुके भ्रष्टाचार को खत्म करने का भी सफल प्रयास करूंगा, हर नेता की तनख्वाह इतनी बड़ा दूंगा कि वो भ्रष्टाचार के बारे में विचार भी नहीं करेंगे। क्योंकि मैंने देखा है कि अगर पेट भरा हो तो आदमी रसमल्लाई भी त्याग देता है।

आंतकवाद को तो जड़ से मिटाना मैं अपने कार्यकालका लक्ष्य रखेंगा। आगे आपलोगों की मर्जी अगर आप मुझे बहुमत देने तैयार हैं तो अगामी चुनाव मैं लड़ ही लेता हूँ।

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