Home » Languages » Hindi (Sr. Secondary) » Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Cable TV ke Samaj par Prabhav ”, “केबल टीवी के समाज पर प्रभाव ” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation Classes.

Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Cable TV ke Samaj par Prabhav ”, “केबल टीवी के समाज पर प्रभाव ” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation Classes.

केबल टीवी के समाज पर प्रभाव 

Cable TV ke Samaj par Prabhav 

                भारतीय समाज में पिछले दस-बारह वर्षों में केबल संस्कृति की वजह से अनेक परिवर्तन आए हैं। रंगीन टेलीविजन पर जब से लोगों ने अनेक टी.वी. चैनलों पर विभिन्न कार्यक्रम देखने में अधिक रूचि दिखाई है, तब से इसका भारतीय संस्कृति पर प्रभाव निरन्तर बढ़ता ही जा रहा है। केबल संस्कृति से भारतीय समाज में आधुनिकता और पाश्चात्य संस्कृति के प्रति आकर्षण वृद्वि हुई है। भारतीय संस्कृति पर इसका दुष्प्रभाव ही अधिक देखने को मिलता है।

                पिछले कुछ वर्षोे में युवावर्ग में फैशन के प्रति अभिरूचि बढ़ी है। देश के बड़े शहरांे में युवावर्ग अपनी भाषा, अपनी वेशभूषा और अपना खान-पान आदि सब कुछ भूल गया है तथा पाश्चात्य भाषा, पाश्चात्य वेशभूषा, पाश्चात्य संगीत तथा नृत्य और पाश्चात्य खान-पान को अपना रहा है। महानगरों में युवतियाँ नग्नता को फैशन मानने लगी हैं। वे स्वतंत्रता के स्थान पर स्वच्छन्द जीवन-शैली को महत्ता देने लगी हैं। युवक भी फैशन के मामले मे पीछे नहीं हैं, परन्तु केबल संस्कृति की कृपा से आधुनिक युवतियाँ माॅडल की तरह देह प्रदर्शित करने वाने धारण करने लगी हैं।

                केबल संस्कृति के प्रभाव के फलस्वरूप महानगरांे मे सुंदर दिखने की होड़ में युवावर्ग ही नहीं बल्कि अधेड़ स्त्रियाँ भी युवतियों के समान ’प्रदर्शन की वस्तुु’ बनने में विश्वास करने लगी हैं। महानगरों में पंचतारा होटलों में आए दिन डांस पार्टियाँ आयोजित होती है जिसमें धनी तथा उच्च मध्यम वर्ग के स्त्री-पुरूष मदिरापान कर नृत्य के नाम भौंडा प्रदर्शन करते हैं। आजकल कोई भी पार्टी शराब के बिना सफल नहीं मानी जाती। इसका कारण एक सीमा तक केबल संस्कृति ही है।

                आजकल बड़े नगरों में अधिकाशं युवतियाँ ब्वाॅय फ्रैंड्स तथा नवयुवक गर्लफ्रैड्ंस के साथ मटरगस्ती करते दिखाई पड़ते हैं। वे फै्रंड्स चरित्र के विनाश के लिए मुख्यतः उतरदायी होते हैं। अधिकाशं किशोरियाँ घंटों तक दूरभाष पर अपने तथाकथित मित्रों से बातें करती रहती हैं तथा अर्धरात्रि तक आवारागर्दी करती हैं। समाज का अधिकाशं हिस्सा ’ईंट, ड्रिक एण्ड बी मैरी’ ष्म्ंजए कतपदा ंदक इम उमततलष् के सिद्वांत मंे विश्वास करने लगा है।

                समाज में व्यक्ति आत्मकेन्द्रित होता जा रहा है। लोग टेलीविजन पर विभिन्न कार्यक्रम देखने में इतने व्यस्त रहते हैं कि उनकी दुनिया केबल टेलीविजन तक सीमित हो गई है। बच्चे तथा किशोर भी टेलीविजन के कार्यक्रम घंटो तक देखते रहते हैं जिसमें उनकी शिक्षा और स्वास्थय पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। बच्चों तथा किशारों में भी स्वच्छन्दता की प्रवृति बढ़ती जा रही है। विद्यार्थियांे को अपने पाठ्यक्रम की अपेक्षा टेलीविजन प्रदर्शित कार्यक्रम अधिक याद रहते हैं।

                केबल संस्कृति के कारण विवाहेतर संबंधों में भी बहुत परिवर्तन दिखाई देता है। अधिकाशं सीरियलों में विवाहेता संबंधो को दिखाया जाता है। अब समाज में विवाहित स्त्री-पुरूषों का अन्य लोगों से शारीरिक संबंध होना वैवाहिक जीवन के लिए खतरे की घंटी नहीं माना जाता। इसके अतिरिक्त समाज में प्रेम के नाम पर वासना-तृप्ति का प्रयास भी खुलेआम दिखाई देता है। काॅलेजों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएँ पढ़ने के बजाए घूमने-फिरने में अधिक दिलचस्पी लेते हैं। इस प्रकार खुलेपन के नाम पर चरित्र को खोटा सिक्का समझा जाने लगा है।

                केबल संस्कृति के प्रभावस्वरूप जल्दी-से-जल्दी बनने की भावना भी समाज में बलवती हुई है। अधिकाशं युवक किसी प्रकार भी रातों-रात करोड़पति बन जाना चाहते हैं। इसके लिए वे अपराध की घंटी भरी राह पर भी चलने के लिए तैयार रहते है। समाज में अपराधों का ग्राफ निरन्तर बढ़ाने में केबल संस्कृति का बहुत योगदान है।

                इस प्रकार केबल चैनल के नुकसान और लाभ दोनों ही हैं। यह हमारे ऊपर है कि हम इसे किस प्रकार लेते हैं। अगर हम सीमित केबल टी.वी. देखें तो ठीक है, अन्यथा हम इसकें गुलाम बन सकते हैं, जो हमारे लिए बहुत नुकसानदायक है।

About

The main objective of this website is to provide quality study material to all students (from 1st to 12th class of any board) irrespective of their background as our motto is “Education for Everyone”. It is also a very good platform for teachers who want to share their valuable knowledge.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *