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Hindi Essay on “Shahri Jeevan mein Badhta Pradushan ” , ” शहरी जीवन में बढ़ता प्रदूषण ” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

शहरी जीवन  में बढ़ता प्रदूषण

            शहरों का निरंतर विस्तार और बढ़ती जनसँख्या – आज की सभ्यता को शहरी सभ्यता को शहरी सभ्यता कह सकते हैं | यद्दपि  भारत की अधिकांश जनता गाँवों में बस्ती है किन्तु  उसके हृदयों में बसते – शहर बढ़ रहे है, साथ-साथ जनशंख्या भी तेजी से बढती रही है | हर वर्ष भारत में एक नया ऑस्ट्रेलिया और जुड़ जाता है |

            शहरों में बढ़ते विविध प्रकार के प्रदूषण – जनसँख्या के इस बढ़ते दबाव का सीधा प्रभाव यहाँ के वायुमंडल पर पड़ा है | धरती कम, लोग अधिक | शहरों  की तो दुर्गति हो गई है | दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई जैसे महानगरों में हर प्रकार का प्रदूषण पाँव पसार रहा है | लोगों के पास पर्याप्त स्थान नहीं हैं | लाखों लोग झुग्गी-झोंपड़ियों में निवास करते हैं, जहाँ खुली धुप, वायु और जल तक का प्रबंध नहीं है | न उनके पास रहने को पक्के मकान हैं, न संसाधन , न शौचालय | इसलिए उनका सारा वातावरण शौचालय जैसा दुर्गन्धपूर्ण हो गया है |

            वायु-प्रदूषण – महानगरों की सड़कों के वाहन रोज लाखों गैलन गंदा धुआँ उगलते हैं | व्रक्षों को अभाव में यह धुआँ नागरिकों के फेफड़ों में जाता है और उनका स्वास्थ्य खराब हो गया है |

            जल तथा धवनि प्रदूषण –  नगरों में जल के स्त्रोत भी दूषित हो चुके हैं | दिल्ली में बहने वाली यमुना पवित्र नदी नहीं, विशाल नाला बन चुकी है | नगरों के आसपास फैले उद्योग इतना रासायनिक कचरा उत्सर्जित करते हैं कि यहाँ की धरती और नदियों का जल प्रदूषित हो चूका है | शोर का कहना ही क्या ! वाहनों का शोर, कल-कारखानों की बड़ी-बड़ी मशीनों का शोर, सघन जनसंख्या का शोर, ध्वनि-विस्तारकों और कर्णबेधक संगीत-वाद्दों का शोर-इन सबके कारण शहरी जीवन तनावग्रस्त हो गया है |

            प्रदूषण की रोक थाम के उपाय – शहरों में बढ़ रहे प्रदूषण को रोकने अत्यंत आवश्यक है | इसका सर्वोतम उपाय है – जनसँख्या पर नियंत्रण | प्रयतन किया जाना चाहिए कि और गाँव तजकर नगरों की और न दौड़े | सरकार को चाहिए कि वह नगरों की सुविधाएँ गाँवों तक पहुँचाये ताकि शहरीकरण की अंधी दौड़ बंद हो |

            प्रदूषण रोकने का दुस्ता उपाय है – सुविचार्पूर्ण नियोजित  | हरियाली को यथासंभव बढ़ावा देना चाहिय | प्रदूषण बढ़ाने वाली फैक्टरियों को नगरों से बाहर ले जाना चाहिए | फैक्टरियों के प्रदूषित जल और कचरे को संसाधित करने का उचित प्रबंध करना चाहिए | शोर को रोकने के कठोर नियम बनाए जाने चाहिए तथा उन पर अमल किया जाना चाहिए |

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commentscomments

  1. janvi singh says:

    its okay . this one is helpful for me..
    thankyou for providing it.

  2. Vartika singh says:

    It is ok and helpful for me

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