Home » Languages » Hindi (Sr. Secondary) » Hindi Essay on “Samachar Patra ya Akhbar , समाचार-पत्र या अखबार” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

Hindi Essay on “Samachar Patra ya Akhbar , समाचार-पत्र या अखबार” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

समाचार-पत्र या अखबार

समाचार-पत्र का हमारे दैनिक जीवन में अत्यन्त महत्व है। विश्व का शायद ही ऐसा कोई प्रदेश हो, जहाँ के लोग समाचार पत्र का उपयोग न करते हों। सुबह होते ही लोगों को समाचार पत्र की सुध हो जाती है। इससे लोगों को विश्व की तमाम महत्वपूर्ण जानकारियां कुछ ही क्षणों में प्राप्त हो जाती है।

समाचार-पत्र का इतिहास अत्यन्त प्राचीन है। प्रथम ज्ञात समाचार पत्र 59 ई0 पू0 का ’’द रोमन एक्टा डिउरना’’ है। भारत में समाचार-पत्र की शुरूआत श्बंगाल गजटश् नामक पत्रिका के साथ हुई। हिन्दी में प्रथम दैनिक समाचार-पत्र ‘‘उदंत मार्तण्ड’’ का प्रकाशन 30 मई 1826 ई0 को हुआ। समाचार पत्र का वर्गीकरण तीन रूपों में किया जा सकता है। प्रथम, दैनिक समाचार-पत्र हैं, जो प्रतिदिन प्रकाशित होते हैं और प्रतिदिन होने वाली घटनाओं को प्रस्तुत करते हैं। द्वितीय, साप्ताहिक समाचार-पत्र हैं, जो पूरे सप्ताह में एक बार ही प्रकाशित होते हैं। ऐसे समाचार-पत्रों में पूरे सप्ताह भर के खबरों को संकलित कर प्रस्तुत किया जाता है। तृतीय, मासिक समाचार-पत्र हैं, जिससे हमें पूरे महीने होने वाली घटनाओं का पुनराभास हो जाता है। आज विश्व भर में हजारों दैनिक, साप्ताहिक और मासिक समाचार-पत्र उपलब्ध हैं, जो अनेक भाषाओं में छापे जाते हैं। भारत के प्रमुख समाचार पत्रों में अमर उजाला, दैनिक भास्कर, हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, आदि ;हिन्दीद्ध तथा द टाइम्स आॅफ इंडिया, द हिन्दु, द इंडियन एक्सप्रेस, डेक्कन हेराल्ड, आदि ;अंगे्रजीद्ध हैं।

समाचार-पत्र को समाज का दर्पण कहा जाता है, क्योंकि यह उन समस्त घटनाओं को जो प्रतिदिन घटती हैं यथासंभव वैसे ही हमारे सन्मुख प्रस्तुत करता है। इनमें देश-विदेश की घटनाओं, रोजगार, प्रचार, मनोरंजन, उदघोषणाओं आदि की लिखित जानकारियाॅं होती हैं। कुछ ही पलों में हम इनके अध्ययन से अपने आस-पास की खबरों के साथ-साथ, देश-विदेश के अनेक प्रांतों में क्या हो रहा है घर बैठे जान जाते हैं। हम इसके माध्यम से अपने संदेश, उदघोषणाएॅं, शिकायत आदि प्रचारित कर सरकार सहित आम जनता को सूचित कर सकते हैं। संपादकों तथा पत्रकारों के माध्यम से समाज में होने वाले आपराधिक कृत्यों, अपराधों आदि को रोकने में तथा जन-जागरण में मदद मिलती है। यह नौजवानों को नई दिशा तो प्रदान करता ही है, लेकिन साथ ही बच्चों की अभिरूचि पढ़ाई में लाता है। अनेक समाचार-पत्रों में बच्चों के लिए विशेष काॅलम होते हैं।

समाचार-पत्र का मूल्य पुस्तकों की तुलना में अत्यन्त कम होता है। अतः समाचार के हर तबके के लोगों तक इसकी पहुॅंच है। इनके नियमित अध्ययन से हमें पुस्तकों से कहीं अधिक रोचक और ज्ञानवर्द्धक जानकारियाॅं प्राप्त हो जाती हैं। हालाॅंकि समाचार-पत्रों में अनेक गैर-जरूरी सूचनाएॅं छाप दी जाती हैं, जिससे लोग दिग्भ्रमित हो जाते हैं। अतः ऐसे खबरों तथा सूचनाओं के प्रकाशन से पूर्व संपादक को इनके दुष्प्रभावों का आॅंकलन कर लेना चाहिए। समाचार-पत्र केवल व्यवसाय का साधन नहीं है, यह तो समाज को उसकी वास्तिविक छवि दिखाता है। आज के पत्रकार तथा संपादक व्यावसायिकता के जमाने में खबरों को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत करने लगे हैं। अतः इनके प्रकाशक को खबरों की विश्वसनियता और महत्वत्ता का आॅंकलन जरूर करना चाहिए, तभी यह समाज के लिए वरदान साबित होगी।
शब्द संख्या: 346

About

The main objective of this website is to provide quality study material to all students (from 1st to 12th class of any board) irrespective of their background as our motto is “Education for Everyone”. It is also a very good platform for teachers who want to share their valuable knowledge.

commentscomments

  1. Kuldeep says:

    It is nice essay on importance of newspaper. I really like it.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *