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Hindi Essay on “Picnic” , ”पिकनिक” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

पिकनिक 

Picnic

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Essay No. 01

प्रस्तावना- मानव जीवन में मनोरंजन का विशेष महत्व है। यद्यपि आज हम सैटेलाइट, इण्टरनेट जैसे वैज्ञानिक साधनों के सहारे अपना अनेक ढं़ग से मनोरंजन कर सकते हैं, पर प्राकृतिक मनोरंजन का आनन्द ही अनूठा है।

घर से बाहर सगे-सम्बन्धियों, मित्रों आदि के सैर-सपाटे, नौका विहार, पर्यटन, यात्राएं अर्थात् पिकनिक मनाने का आनन्द ही कुछ और है। ऐसा स्थान जहां नगर की हलचल न हो, न प्रदूषण हो, वह स्थान प्राकृतिक छटा से भरपूर हो, जहां हरियाली हो, वही पिकनिक के लिए उपयुक्त स्थान है।

जब हम कई लोग मिल-बैठकर पिकनिक का कार्यक्रम बनाते हैं तो उसके लिए सर्वप्रथम चर्चा का विषय होता है-स्थान। हम सेाचते हैं कि पिकनिक हेतु किस स्थान को चुना जायेघ्

पिकनिक की तैयारी- शीतकालीन अवकाश में हमारे माता-पिता ने पडो़स के अन्य बच्चों व परिवार के सदस्यों के साथ पिकनिक मनाने का कार्यक्रम तय किया। 26 दिसम्बर पिकनिक का दिन रखा गया । पिकनिक की तैयारी के लिए एक दिन पूर्व से ही मठरी, फल, मिठाई तथा पूरियां बनानी शुरू की गईं। अतः 26 की प्रातः काल में ही सब लोग बस से पिकनिक के लिए रवाना हो गये।

हम सब नाचते-गाते, तालियां बजाते पिकनिक स्थल पर पहुंच गये। सुरम्य झील पहाड़ियों से घिरी हुई थी तथा वहां का पानी शीतल एवं स्वच्छ था। हम सभी लोगों ने एक उपयुक्त स्थान चुनकर अपनी-अपनी दरी बिछाई, उन पर बैठकर नाश्ता किया। थोड़ी देर बाद नौका विहार को गये।

हम सभी लोगों केा नौका विहार सबसे अधिक पसन्द आया। हमने नौका विहार का भनपूर आनन्द उठाया, उसके पश्चात् संगीत का कार्यक्रम चला, फिर सभी ने बैठकर खाना खाया।

रात की शुरूआत होते ही सभी अपना-अपना समान समेटकर बस से वापिस अपने घर आ गये।

उपसंहार- इस तरह पिकनिक मनाने के बहाने जहां हमारा प्राकृतिक रूप से घूमना, सैर-सपाटा हुआ वहीं पडो़सियों के संग उनके बच्चों के बीच पूरे दिन साथ-साथ रहकर हममें आपस में प्यार, अपनत्व, स्नेह और भाईचारे की भावना पहले से ज्यादा बढ़ गयी।

 

पिकनिक

Picnic

Essay No. 02

मनोरंजन मानव जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक है। यह हमारे दिमाग तथा शरीर दोनों को नई स्फूर्ति देता है। मनुष्य जब कार्य करते-करते थक जाता है तो थोड़ा आराम चाहता है। रोज की दिनचर्या से इंसान का मन ऊब जाता है तथा वह मनोरंजन के लिए कुछ नया करना चाहता है। पिकनिक मनोरंजन का एक अच्छा तथा स्वस्थ साधन है। किसी शांत वातावरण तथा अच्छे मौसम में घूमने का आनंद बिल्कुल अलग होता है। इस वर्ष चौदह नवंबर को बाल दिवस पर हमारे विद्यालय के छात्रों को पिकनिक पर आगरा के ताजमहल ले जाने का निश्चय किया। विद्यालय ने दो बसें किराये पर लीं तथा सभी छात्रों को निर्धारित समय पर विद्यालय आ जाने के लिए कहा गया। सभी छात्र प्रातः सात बजे विद्यालय पहुँच गए। बसें तैयार खड़ी थीं। प्रत्येक बस में चार अध्यापक तथा दो चपरासी बच्चों का ध्यान रखने के लिए साथ गए। ठीक आठ बजे बस आगरा की ओर चल दी।

मौसम अत्यंत सुहावना था। बस में छात्रों ने दो टीमें बना लीं तथा अंत्याक्षरी का खेल आरंभ कर दिया। अंत्याक्षरी से खेल भी हो गया और गानों की गूंज से सारा वातावरण भी आनंद से भर गया। इस प्रकार खेल-खेल में चार घंटे का समय आसानी से बीत गया। बीच-बीच में छात्रों को फल-मिठाई आदि भी वितरित किए गए। दोपहर बारह बजे हमारी बस ताजमहल पहुंच गई। जब हमने ताजमहल में प्रवेश किया तो सफेद संगमरगर के बने ताजमहल को देखकर आश्चर्य हुआ। कई सौ साल पहले जब विज्ञान ने इतनी प्रगति नहीं की थी तब यह भवन किस प्रकार बना होगा। भवन की भव्यता से मन अत्यंत प्रसन्न था। ताजमहल की पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए शिक्षकों ने एक गाइड किया। सब छात्र पिकनिक का पूर्ण आनंद उठा रहे थे। ताजमहल में अनेक हौज बने हुए थे। वहाँ बने मुगल शासकों की वस्तुएँ, हथियार को देखने संग्रहालय भी गए। फिर बाहर आकर छात्रों ने भोजन का आनंद लिया।

छात्रों को विद्यालय की ओर से ताजमहल का एक भव्य चित्र भेंट किया गया। फिर सारे छात्र वापस बस में आकर बैठ गए। थोड़ी देर में बस दिल्ली को चल पड़ी। यह पिकनिक आनंददायक और मनोरंजक थी। हमें इसमें अत्यंत आनंद आया। मैं रोजाना यही कामना करता हूँ कि जल्द ही फिर से पिकनिक पर जाने का मौका मिले।

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