Hindi Essay on “Jeevan me Khelon Ka Mahatav” , ”जीवन में खेलो का महत्त्व” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
जीवन में खेलो का महत्त्व
किसी ने सत्य ही कहा है – “Health is Wealth” अर्थात अच्छा स्वास्थ्य ही सच्ची सम्पत्ति है | जीवन में अच्छे स्वास्थ्य का विशेष महत्त्व है | स्वस्थ व्यक्ति ही भूमण्डल पर सभी प्रकार के सुख भोग सकता है | बिना अच्छे स्वास्थ्य के जीवन नरक के सदृश्य है | स्वस्थ व्यक्ति में स्वय ही अदम्य साहस और धैर्य आ जाता है | शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए जीवन में खेलो को अपनाना अत्यन्त आवश्यक है | व्यायाम तथा खेल अच्छे स्वास्थ्य के प्रमुख आधार है |
बचपन से ही मनुष्य के शरीर का विकास प्रारम्भ हो जाता है | इस विकास के लिए उसे विभिन्न प्रकार की क्रीडाएं करनी पडती है | उसे अनेक प्रकार के व्यायाम व खेलो का सहारा लेना पड़ता है | जिस तरह किसी वृक्ष को रोपते समय सुन्दर आहार, अच्छी जलवायु और सुन्दर भूमि की आवश्यकता होती है , ठीक उसी प्रकार शिशु की लघु देह के विकास में क्रीडाओ का अधिक योगदान होता है | छात्रावस्था तो उसके लिए स्वर्णिम काल होता है | जब छात्र अनुशासित ढंग से अपने शिक्षको के निरिक्षण में खेलो को खेलता है | उस समय खेल को खेलते हुए उसमे भ्रातृत्व की भावना का संचार होता है |
व्यायाम तथा खले विभिन्न प्रकार के होते है | व्यायाम की श्रेणी में दण्ड-बैठक लगाना, कुश्ती लड़ना, भ्रमण करना, तैराकी , घुड़सवारी तथा मुग्दर घुमाना आदि आते है | इनके अतिरिक्त विभिन्न प्रकार के आसन, लाठी चलाना और जिम्नास्टिक आदि भी इसी की श्रेणी में आते है खेलो की श्रेणी में फुटबाल, वालीबाल , क्रिकेट , हाकी , कबड्डी , लम्बी व ऊची कूद आदि आते है | खेलो व व्यायामों का हमारे जीवन में इसीलिए भी अधिक महत्त्व है क्योकि ये हमे शक्ति व मनोरंजन प्रदान करते है | जो व्यक्ति इन्हें अपने जीवन में अपनाते है वे सदैव शक्तिशाली , चुस्त व आरोग्य रहते है | शिथिलता एव आलस्य उनके पास तक नही फटकते है | देह में रक्त की तीव्र रहती है जिससे पाचन शक्ति रहती है तथा नेत्रों की ज्योति बढ़ जाती है उन व्यक्तियों के ह्रदय उत्साह, आत्म-विश्वास तथा निडरता ये युक्त रहते है | उनका शरीर सुडौल, सुदृढ़ और सुसंगठित रहता है | उनका चेहरा अदभुत कान्ति से दमक उठता है | रोग उनके निकट नही आ पाते है | अंत : हमे समय निकाल कर नियमानुसार कुछ न कुछ व्यायाम व खेलो में भाग लेते रहना चाहिए |
किसी ने सच ही कहा है – A sound mind lives in a sound body. अर्थात स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास रहता है | व्यायाम और खेल का मानव चरित्र पर अच्छा प्रभाव पड़ता है | व्यायाम द्वारा मन की कुत्सित भावनाएँ दूर हो जाती है तथा इन्द्रियों पर नियन्त्रण हो जाता है | अंत : मानव को दिर्घावस्था प्राप्त करने के लिए व्यायाम एव खेल का अनुसरण करना चाहिए | परन्तु इनको अपनाते समय इनके नियमो का ध्यान रखना चाहिए | जैसे भोजन के तुरन्त पश्चात व्यायाम करना एव खेलना बहुत ही हानिकारक होता है, परन्तु व्यायाम व खेल के उपारन्त थोडा बहुत जलपान अत्यन्त आवश्यक है | व्यायाम एव खले की स्थिति में मुख को बन्द रखना चाहिए |