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Hindi Essay on “Manoranjan ke Adhunik Sadhan”, “मनोरंजन के आधुनिक साधन” Complete Essay, Speech for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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मनोरंजन के आधुनिक साधन Manoranjan ke Adhunik Sadhan प्रस्तावना : मनोरंजन की पृष्ठभूमि : दिवस के अवसान के समीप आते ही जीवनयापन के लिए अनेक अच्छे-बुरे धंधों में उलझा हुआ मानव, संध्या के अंचल में बैठकरशारीरिक विश्राम के साथ-साथ प्राप्ति मानसिक विश्राम की भी इच्छा रखता है। जिससे उसका क्लांत मन फिर से प्रफुल्लित हो उठे, उसके अवयव अदम्य उत्साह से भर उठे यही अच्छे मनोरंजन की पृष्ठभूमि है। यदि मानव...
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Hindi Essay on “Computer ke badhte Kadam”, “कम्प्यूटर के बढ़ते चरण” Complete Essay, Speech for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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कम्प्यूटर के बढ़ते चरण Computer ke badhte Kadam निबंध नंबर : 01 प्रस्तावना : आधुनिक ज्ञान-विज्ञान ने आज के मानव-समाज को दैनिक उपयोग में आ सकने वाले कई तरह के महत्त्वपूर्ण आविष्कार प्रदान किए है कहा जा सकता है कि कम्प्यूटर उनमें से अभी तक का अन्तिम बहुआयामी एवं बहुपयोगी आविष्कार है। इसने आज के व्यस्त-त्रस्त मानव को कई प्रकार की सुविधाएँ-सरलताएँ प्रदान की है। पहले के मानव को जिन अनेक...
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Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Vigyan aur Swasthya ”, “विज्ञान और स्वास्थ्य” Complete Essay, Speech for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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विज्ञान और स्वास्थ्य Vigyan aur Swasthya  प्रस्तावना : दृश्य-अदृश्य जीव-जगत में जो कुछ भी विद्यमान है। मनष्य उनमें सर्वोच्च स्थान एवं महत्व रखता है। इसमें तनिक भी सन्देह नहीं आज तक विश्व में जिस किसी भी प्रकार का और जितना निर्माण हुआ है।  भविष्य में भी प्रभाव जो कुछ होते रहने की सम्भावना है। वह सब मानव के लिए ही है एवं होगा भीविश्व के सारे उपक्रम मानव को केन्द्र में...
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Hindi Essay on “Antriksh me Manav ke Badhte Charan”, “अन्तरिक्ष में मानव के बढ़ते चरण” Complete Essay, Speech for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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अन्तरिक्ष में मानव के बढ़ते चरण Antriksh me Manav ke Badhte Charan प्रस्तावना : लगता है आज के  विज्ञानी मानव के लिए यह धरती बहुत  छोटी पड़ गई है या फिर उसकी इच्छाओं का विस्तार इस सीमा तक हो गया है।कि वे धरती और आकाश को अपनी  बाहों में समेट कर भी सन्तुष्ट नहीं हो पा रही है।इसी कारण तो पिछले कई दशकों से वह धरती से ऊपर उठ आकाश में...
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Hindi Essay on “Telephone : Suvidha ke sath Asuvidha”, “टेलीफोन : सुविधा के साथ असुविधा” Complete Essay, Speech for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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टेलीफोन : सुविधा के साथ असुविधा Telephone : Suvidha ke sath Asuvidha    प्रस्तावना : आखिर मानव का व्यवहार ही तो है। वह कई बार अनियमित एवं असन्तुलित होकर स्थान, समय और स्थिति का ध्यान न रख कर किसी अच्छी वस्तु को भी बुरी सुविधापूर्ण स्थिति को भी असुविधाजनक बना दिया करता है। फलस्वरूप बेमतलब ऐसी स्थितियाँ उत्पन्न हो जाया करती  है।  जिन पर काबू पा सकना मानव के वश में...
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Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Vigyan aur Hamara Jeevan”, “विज्ञान और हमारा जीवन” Complete Essay, Speech for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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विज्ञान और हमारा जीवन Vigyan aur Hamara Jeevan   प्रस्तावना : आज का युग ज्ञान-विज्ञान सभी प्रकार की प्रगतियों एवं विकास का युग माना गया है। आज का वैज्ञानिक मानव इस  धरती पर विद्यमान सभी प्रकार के तत्त्वों को जान चुका है। समुद्र का अवगाहन एवं धरा प्रभाव का दोहन भली प्रकार से कर चुका है। इसी  कारण अब उसकी दृष्टि अन्तरिक्ष में विद्यमान अन्य ग्रहों के दोहन एवं अवगाहन की...
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Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Doordarshan ki Upyogita”, “दूरदर्शन की उपयोगिता” Complete Essay, Speech for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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दूरदर्शन की उपयोगिता Doordarshan ki Upyogita प्रस्तावना : दूरदर्शन यंत्र पूर्णतया  बीसवीं शताब्दी की देन है। हमारे प्राचीन ग्रंथों में भी इस प्रकार के यंत्रों का उल्लेख मिलता है। महाभारत युग में भी संजय के पास दूरदर्शन सरीखा कोई यंत्र रहा होगा, जिस के माध्यम से वे महाराज धृतराष्ट्र को महाभारत युद्ध की सम्पूर्ण गाथा सुनाते रहे थेयदि इस बात को सत्य स्वीकार कर लिया जाए, तो यह भी सत्य है।...
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Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Parmanu Bomb ki Upyogita”, “परमाणु बम की उपयोगिता” Complete Essay, Speech for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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परमाणु बम की उपयोगिता Parmanu Bomb ki Upyogita  प्रस्तावना : उपयोगी और वह भी बम ! लेकिन फिर भी यह एक अनुभूत तथ्य है।  कि हर वस्तु का चाहे वह कितनी ही भयावह और मारक क्यों न हो, एक उजला एवं उपयोगी पक्ष भी हुआ करता है। साँप जी हाँ, साँप और उस का विष मात्र एक ही क्षण में मनुष्य के प्राण तक ले सकता है। लेकिन उसी विष से...
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