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Archive by category "Languages" (Page 503)
विद्यार्थी और सैनिक-शिक्षा Vidyarthi aur Sainik Shiksha निबंध नंबर : 01 प्रस्तावना : भारत ने शक्ति तथा बल के महत्त्व को भारत ने सदा से ही समझा और उसने इपी बल सम्पन्नता को ही सर्व प्रधान महत्त्व देने वाले छात्र-धर्म और क्षत्रिय जाति की स्थापना की है। आध्यात्मिकता तथा ‘अहिंसा परमो धर्म:’ को महत्त्व देते हुए भी भारतीयों ने सदा से ही अपनी रक्षा के लिये अस्त्र-शस्त्र उठाये है। हमने किसी...
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April 1, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
जीवन में पुस्तकों का महत्त्व Jeevan me Pustako ka Mahatva पुस्तकों का महत्त्व : जिस प्रकार तन को स्वस्थ रखने के लिये पौष्टिक भोजन की आवश्यकता है उसी प्रकार मन को स्वस्थ रखने के लिये सत्साहित्य की आवश्यकता है। पुस्तकों में निहित ज्ञान से ही मानव की मानसिक एवं बौद्धिक शक्तियों का विकासर होता है। जिन्होंने ग्रन्थावलोकन के महत्त्व को समझा है, वे नित्य कुछ समय ग्रन्थों के बीच अवश्य व्यतीत...
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April 1, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages1 Comment
छात्रावास का जीवन Chatravas ka Jeevan छात्रावास का महत्त्व : छात्रावास शिक्षालय का प्रमुख अंग है। शिक्षालय में प्रवेश लेकर छात्र जो कुछ सीखता है। छात्रावास में रहकर उसकी पुष्टि की जाती है। पुरातन युग में वे छात्रावास में रहकर गुरु का सानिध्य ग्रहण कर ज्ञानार्जन किया करते थे। वहाँ का वातावरण चरित्र निर्माण में सहायक होता था। बहुधा देखने में आता है कि घर पर रहने वाले शिक्षार्थी की अपेक्षा...
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April 1, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages1 Comment
स्त्री शिक्षा का महत्त्व Nari Shiksha ka Mahatva समाज में स्त्री का महत्त्व : भारतीय संस्कृति का गौरव केवल भारत में ही है और संस्कृति से सम्बन्ध रखने वाले समाज में भारतीय ललनाओं का पर्याप्त स्थान है। पुरातन युग से ही इस प्रकार की महत्ता चली आ रही है। भारतीय ललनाएँ अन्य देशों के समान विलासिता की सामग्री बन करके नहीं; अपितु भारतीय संस्कृति की डोर सम्भालने वालों की सहयोगिनी हैं।...
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April 1, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
विद्यार्थी और राजनीति Vidyarthi aur Rajniti निबंध नंबर :-01 ‘विद्यार्थी’ का अर्थ है ‘विद्या का अर्थी’ अर्थात् विद्या की चाह चखने वाला। इस प्रकार विद्योपार्जन को ही मुख्य लक्ष्य बनाकर चलने वाला अध्येता विद्यार्थी कहलाता है। जिस प्रकार चर्मचक्षुओं के बिना मनुष्य अपने चारों ओर के स्थूल जगत् को नहीं ‘देख सकता, उसी प्रकार विद्या रूपी ज्ञानमय चक्षु के बिना बह अपने वास्तविक स्वरूप को भी नहीं पहचान सकता और अपने...
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April 1, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
विद्यार्थी और अनुशासन Vidyarthi aur Anushasan विद्यार्थी का स्वरूप : विद्यार्थी शब्द ‘विद्या’ और ‘अर्थी’ इन दो शब्दों के संयोग से निर्मित हुआ है जिसका अर्थ है विद्या प्राप्त करने का अभिलाषी अर्थात् इच्छुक। अनुशासन शब्द का विग्रह संस्कृत भाषा में इस प्रकार है-‘अनु शास्यतेऽनेन्’ अर्थात् आदेश के अनुसार अनुसरण करना। स्पष्ट है कि विद्यार्थी जीवन और अनुशासन दोनों का अटूट सम्बन्ध है; क्योंकि एक विद्यार्थी अपने आचार्य के अनुशासन में...
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April 1, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
विद्यार्थी जीवन Vidyarthi Jeevan निबंध नंबर :-01 प्रस्तावना भारत में ही नहीं अपितु अन्य देशों में भी विद्यार्थी जीवन को एक विशेष महत्त्व दिया जाता है; क्योंकि विद्यार्थी ही राष्ट्र के सच्चे कर्णधार होते हैं। इस स्थिति कारण ही विद्यार्थी जीवन को हर धर्म में उच्च स्थान प्राप्त हुई है। हिन्दू धर्मानुसार मानव जीवन को चार भागों में विभाजित किया गया है और उसी के अनुसार मानव कार्यशील था। ये...
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April 1, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
हमारे विद्यालय का वार्षिकोत्सव Hamare Vidyalaya ka Varshik Mohotsav प्रस्तावना : मानव के पुर्ण विकास के लिए केवल पुस्तकीय ज्ञान ही पर्याप्त नहीं है। केवल किताबी अध्ययन से छात्र का मन ऊबने लगता है। ऐसे अवसर पर वह विश्राम चाहता है। मानव के इस मनोविज्ञान को लक्ष्य में रखते हुए प्रायः सभी संस्थाएँ एकरस कार्य की नीरसता को दूर करने के लिए विविध उत्सवों का आयोजन करती हैं। विद्यालय...
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April 1, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment