Home »
Languages »
Archive by category "Hindi (Sr. Secondary)" (Page 149)
विज्ञान के चमत्कार Vigyan ke Chamatkar निबंध नंबर :-01 विज्ञान की उन्नति हमें नित्य नए उपकरण देकर हमारे जीवन में सुविधाएँ जुटाने में सतत संलग्न हैं। आज से पचास-साठ वर्ष पूर्व जो हमारा कष्टसाध्य जीवन था, विज्ञान ने इन वर्षों में हमें उससे मुक्ति दिलायी है। विद्युत के आविष्कार ने विश्व का मानचित्र ही बदल डाला। अंधेरे जगत में उजाला छा गया। रात भी दिन में परिवर्तित हो गई। आज हमें...
Continue reading »
August 2, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
ओलम्पिक खेल Olympic Games विशाल स्तर पर खेलों की विश्व व्यापी प्रतियोगिताओं को ओलम्पिक कहा जाता है। इन प्रतियोगिताओं का नाम यूनान के एक स्थान के नाम पर पड़ा है। यूनान में प्राचीन काल में इसी स्थान पर बड़े पैमाने पर खेलों की प्रतियोगिताएँ हुआ करती थी। विश्व के सभी राष्ट्रों में खेल प्रतियोगिताओं को ओलम्पिक का नाम दिया गया है। चार वर्ष में एक बार विश्व के किसी भी...
Continue reading »
August 2, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
संयुक्त राष्ट्र संघ Sanyukt Rashtra Sangh उन्नीसवीं शताब्दी में यूरोपीय देशों में महायुद्ध छिड़ गया – यह युद्ध सन् 1914 से 1918 तक चला। इसे विश्व का प्रथम महा युद्ध कहा जाता है। यूरोप के देशों को इससे महान कष्ट हुआ। जो देश युद्ध में रत थे उनको कई विपत्तियों का सामना करना ही पड़ा। जिन्होंने उसमें भाग नहीं लिया वे भी इसके प्रभाव से बच नहीं सके। युद्ध की...
Continue reading »
August 2, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
मादक द्रव्य Madak Dravya भारत में अति प्राचीन काल से मादक द्रव्यों का सेवन होता चला आरहा है। हमारे ऋषि मुनि सोमरस का पान करते थे। सुरापान भी उतना ही पुराना है पर इसका सेवन राक्षस या राजा महाराजा ही करते थे। भंग, अफीम, गांजा, चरस आदि भी मादक द्रव्य हैं। इनका सेवन भी समाज के कुछ व्यक्ति करते ही रहे हैं। आजकल नवीन मादक द्रव्यों की उत्पत्ति भी हो गयी...
Continue reading »
August 2, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
बेरोजगारी Berojgari भारत वर्ष में दिन प्रतिदिन बेरोजगारों की संख्या में वृद्धि होती जा रही है। भारत ही नहीं सम्पूर्ण विश्व में यह समस्या सिर उठाए खटी है। जितने भी प्रयत्न उसे दूर करने के लिए किए जा रहे हैं, वे कुछ भी प्रभाव दिखाने में असफल रहे हैं। देश को इस समस्या के समाधान के लिए गंभीर प्रयत्न करने की आवश्यकता है। जन संख्या में निरन्तर वृद्धि इसका एक प्रमुख...
Continue reading »
August 2, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
भ्रष्टाचार की समस्या Bhrashtachar ki Samasya स्वतंत्र भारत में यदि किसी दिशा में अच्छी प्रगति हुई है तो वह भ्रष्टाचार की दिशा में है। कोई भी क्षेत्र भ्रष्टाचार से अछूता नहीं बचा है। किसी समय कहा जाता था कि शिक्षा का क्षेत्र ही ऐसा क्षेत्र है, जहाँ भ्रष्टाचार के लिए कोई स्थान नहीं, पर आज शिक्षा का क्षेत्र ही सर्वाधिक भ्रष्टाचार का अखाड़ा बना हुआ है। वैसे भ्रष्टाचार की जड़...
Continue reading »
August 2, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
मूल्य वृद्धि Mulya Vridhi मूल्यों में निरन्तर वृद्धि होते रहना भारत की एक ज्वलंत समस्या है। इसका सम्बन्ध अर्थ से जुड़ा है। किसी समय भारत में दध की नदियाँ बहती थी। इसे सोने की चिड़िया कहा जाता था। इस देश में अपार समृद्धि एवं वैभव था। पर आज जो स्थिति है उसे देखकर उपरोक्त बातों पर विश्वास ही नहीं होता। अंग्रेजों के शासन में यहाँ के स्त्रोतों का पर्याप्त दोहन...
Continue reading »
August 2, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
भिखारी समस्या Bhikhari Samasya विदेशी भारत को भिखारियों का देश कहते हैं। कोई भी किसी यात्री भारत में आकर भिखारियों से तंग हो जाता हैं। भिखारी इतना पीछा करते हैं कि घबराकर वे भारत न जाने की प्रतिज्ञा का बैठते हैं। भारत में प्रातःकाल उठते ही आपको दरवाजे पर भिक्षुक के दर्शन हो जाते हैं। वे अनेकों प्रकार की वेश-भूषा धारण करके, बाजा बजाकर, गाय बैलों को साथ लेकर, गाना...
Continue reading »
August 2, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment